जून के शुरुआत के साथ ही भारत के नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बारिश और भूस्खलन ने तबाही मचाई हुई है और कई राज्यों में लोग बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अरुणाचल प्रदेश , सिक्किम , मिज़ोरम, असम या त्रिपुरा – मणिपुर सब जगह भारी बारिश से एक सी तस्वीर निकल कर आ रही है। सड़कों से लेकर लोगों के मकान पानी से लबालब है। भारी बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड की वजह से पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में अबतक 40 से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई है।मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले पांच दिनों तक बारिश का यही सिलसिला देखने को मिलेगा।
असम में बाढ़ से 10 लोगों की मौत
असम में बाढ़ का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य में बाढ़ की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है और कई इलाकों में पानी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग के गुवाहाटी केंद्र ने बताया है कि राज्य के ज़्यादातर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, लेकिन कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की भी संभावना है। कुछ इलाकों में बेहद ज़ोरदार बारिश की चेतावनी दी गई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (ASDMA) के मुताबिक, कछार और श्रीभूमि ज़िलों में दो और लोगों की मौत हो गई है, जिससे अब तक बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की कुल संख्या 10 हो चुकी है। अभी तक लगभग चार लाख लोग 15 ज़िलों में बाढ़ से प्रभावित हैं।
एक लाख से ज्यादा लोगो प्रभावित
असम में बाढ़ से सबसे ज़्यादा असर कछार ज़िले में देखने को मिला है, जहां एक लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। इसके बाद श्रीभूमि में करीब 85,000 और नागांव में लगभग 62,000 लोग बाढ़ की चपेट में हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन ने 12 ज़िलों में 155 राहत कैंप और सहायता केंद्र शुरू किए हैं, जहां इस समय करीब 10,000 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित ठहराया गया है। बीते 24 घंटों में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन ने 1,090 क्विंटल चावल, 284 क्विंटल दाल, 953 क्विंटल नमक और करीब 4,726 लीटर सरसों का तेल बांटा है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, इस समय 764 गांव पानी में डूबे हुए हैं और करीब 3,524 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है।
पानी में बह गए सड़कें और पुल
असम के कई जिलों में बाढ़ की वजह से तटबंध, सड़कें, पुल और दूसरी ज़रूरी संरचनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इस समय ब्रह्मपुत्र नदी डिब्रूगढ़ और निमाटीघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, वहीं उसकी सहायक नदियाँ जैसे धनसिरी (नुमालीगढ़ में) और कोपिली (कामपुर में) भी खतरे के स्तर को पार कर चुकी हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बराक नदी बदरपुर घाट पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं श्रीभूमि में कुशियारा और मतिजुरी में कटाखल नदी का जलस्तर भी खतरे के स्तर को पार कर चुका है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को लोगों को सावधान किया कि भारी बारिश के चलते निचले और नदी किनारे के इलाकों में हालात और बिगड़ सकते हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात कर राज्य में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की और हर तरह की मदद का भरोसा दिया।
उत्तर सिक्किम में भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से हालात इतने खराब हो गए हैं कि लोचन और लाचुंग इलाकों में करीब 1500 पर्यटक फंसे हुए हैं। लाचेन में 115 और लाचुंग में 1,350 पर्यटक ठहरे हुए हैं। भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से दोनों ओर से रास्ते बंद हैं।
भारी बारिश ने मणिपुर में कहर बरपाया है और पिछले 48 घंटों में राज्य भर में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 3,802 लोग प्रभावित हुए और 883 घर क्षतिग्रस्त हो गए। राजधानी इंफाल के कई इलाके और इंफाल पूर्वी जिले के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं, क्योंकि खुरई, हिंगांग और चेकोन इलाकों में उफान पर चल रही नदी के तटबंध टूट गए और उफान पर आ गए। म सेना और असम राइफल्स के जवानों ने सबसे ज्यादा प्रभावित जिले इंफाल पूर्वी में जलमग्न इलाकों से लगभग 800 लोगों को बचाया।