बरसात का मौसम आते ही सांप अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं, और अचानक उनका सामना होना किसी के लिए भी डरावना हो सकता है। आप सोच रहे होंगे—अगर सामने आए सांप को देखकर समझना है कि वो नर है या मादा, तो क्या कर सकते हैं? यह आम आदमी के लिए आसान नहीं है। हालांकि, कुछ छोटे संकेत और बदलाव हैं जो यह बताने में मदद कर सकते हैं कि आप किससे सामना कर रहे हैं। सांप की पूंछ की लंबाई, रंग और शरीर का आकार इसके बारे में संकेत देते हैं। आम तौर पर नर सांपों की पूंछ लंबी और रंग गहरा होता है, जबकि मादा हल्की और फीकी होती है।
लेकिन यह हर प्रजाति में लागू नहीं होता। विशेषज्ञ और वाइल्डलाइफ रिसर्चर्स इन संकेतों के अलावा वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, ताकि सही पहचान की जा सके और सांपों की सुरक्षा और ब्रीडिंग सुनिश्चित हो सके
क्यों जरूरी है सांप का लिंग जानना?
सांप के लिंग की पहचान सिर्फ जिज्ञासा के लिए नहीं, बल्कि शोध और संरक्षण के लिए भी जरूरी है। वाइल्डलाइफ रिसर्चर्स इसके आधार पर सांपों की सही देखभाल और ब्रीडिंग सुनिश्चित करते हैं। नर और मादा सांपों में शारीरिक अंतर, जिसे Sexual Dimorphism कहते हैं, उनके रंग, आकार और पूंछ की लंबाई में देखा जा सकता है।
सिवान में 2023 में किए गए अध्ययन के अनुसार, नर सांपों की पूंछ आमतौर पर मादा से लंबी होती है। उदाहरण के लिए, पफ एडर (Bitis arietans) और इथियोपियन माउंटेन एडर में ये अंतर साफ देखा जा सकता है। हालांकि, यह नियम हर सांप प्रजाति पर लागू नहीं होता। फिर भी दूर से नजर डालकर यह पहला संकेत मिल सकता है कि सामने वाला नर है या मादा।
रंग से भी मिलती है जानकारी
सांप के रंग से भी लिंग का अंदाजा लगाया जा सकता है। नर सांपों का रंग अक्सर गहरा और चमकदार होता है, जबकि मादा हल्का भूरा या फीका दिखाई देता है। उदाहरण के लिए, बूमस्लैंग नर में हरा और मादा में ब्राउन रंग का होता है। हालांकि, छोटे और युवा सांपों में ये अंतर पहचानना कठिन होता है।
सिर्फ पूंछ और रंग पर भरोसा करना पर्याप्त नहीं होता। वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स हेमिपेनिस प्रोबिंग तकनीक अपनाते हैं। इसमें मेटल प्रोब को सांप के क्लोका में डाला जाता है। नर सांप में ये प्रोब 10-12 टेल स्केल तक जाता है, जबकि मादा में सिर्फ 3 टेल स्केल तक ही सीमित रहता है। अजगर और बड़े सांपों में ये सबसे भरोसेमंद तरीका माना जाता है।
छोटे सांपों में लिंग पहचानना और भी मुश्किल हो जाता है। इनकी पूंछ की लंबाई और रंग में कोई स्पष्ट अंतर नहीं होता। ऐसे मामलों में पॉपिंग और अल्ट्रासाउंड इमेजिंग जैसी तकनीकें इस्तेमाल की जाती हैं, ताकि नर और मादा सांपों को सुरक्षित और सही तरीके से अलग किया जा सके।