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Indian Railways: रेल कोच में लाल खिड़की क्यों होती है खास? जानिए सच्चाई

Indian Railways: भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है, जो लाखों यात्रियों को उनकी मंज़िल तक पहुंचाता है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोचों में कई आधुनिक फीचर शामिल किए गए हैं। इन्हीं में से एक है इमरजेंसी विंडो, जो आकस्मिक स्थितियों में जान बचाने का अहम रास्ता बनती है

अपडेटेड Aug 13, 2025 पर 11:42 AM
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Indian Railways: इमरजेंसी विंडो का इस्तेमाल केवल आपात स्थिति में ही किया जाना चाहिए।

भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में गिना जाता है और हर दिन लाखों यात्री इसे अपनी यात्रा के लिए चुनते हैं। किफायती किराया और आरामदायक सफर इसे आम लोगों के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प बनाते हैं। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे लगातार कोचों में नई सुविधाएं जोड़ता रहता है। इन्हीं सुविधाओं में से एक है इमरजेंसी विंडो, जिसे विशेष रूप से आकस्मिक स्थितियों के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये खिड़कियां यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकलने का विकल्प देती हैं और कोच के अन्य हिस्सों से अलग पहचानने के लिए इन्हें लाल रंग से पेंट किया जाता है।

ट्रेन में आग लगने, हादसे या दरवाजे तक पहुंचने में कठिनाई जैसी परिस्थितियों में ये फीचर जान बचाने में बेहद कारगर साबित हो सकता है। सुरक्षा नियमों के तहत इसका उपयोग केवल आपात स्थिति में ही करना चाहिए।

पैसेंजर और गुड्स ट्रेनों का अंतर


भारत में ट्रेनें दो मुख्य श्रेणियों में बंटी हैं माल ढुलाई के लिए गुड्स ट्रेन और यात्रियों के सफर के लिए पैसेंजर ट्रेन। पैसेंजर कोचों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है, जिससे आपातकालीन हालात में तुरंत बाहर निकलना संभव हो सके।

क्या होती है इमरजेंसी विंडो

हर पैसेंजर कोच में चार इमरजेंसी खिड़कियां होती हैं। इन्हें खासतौर पर ऐसी स्थिति के लिए डिज़ाइन किया गया है, जब यात्रियों को जल्दी बाहर निकलने की जरूरत पड़ती है।

लाल रंग से क्यों की जाती है पहचान

इन खिड़कियों को लाल रंग से पेंट किया जाता है, ताकि वे दूर से भी आसानी से दिखाई दें और यात्री इन्हें जल्दी पहचान सकें। कोच के अंदर भी इनके लिए साफ संकेतक लगे होते हैं, जिससे आपात स्थिति में समय बर्बाद न हो।

स्लाइडिंग मैकेनिज्म की खासियत

आम खिड़कियों की तरह इनमें स्थायी लोहे की रॉड नहीं होती। इमरजेंसी विंडो में स्लाइडिंग रॉड लगी होती है, जिसे आसानी से हटाया जा सकता है। इससे खिड़की खुलकर बाहर निकलने का रास्ता बना देती है।

कब और कैसे करें इस्तेमाल

जब ट्रेन में आग लग जाए, हादसे की आशंका हो या दरवाजे तक पहुंचना मुश्किल हो, तब स्लाइडिंग रॉड को नीचे खिसकाकर खिड़की पूरी तरह खोली जाती है और यात्री सुरक्षित बाहर निकल सकते हैं।

सिर्फ आपात स्थिति के लिए ही बनी है ये खिड़की

इमरजेंसी विंडो का इस्तेमाल केवल आपात स्थिति में ही किया जाना चाहिए। इसे मजाक में खोलना न सिर्फ रेलवे नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है।

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