सांप का नाम सुनते ही ज़्यादातर लोग घबरा जाते हैं। कुछ के रोंगटे खड़े हो जाते हैं तो कुछ डर के मारे उन्हें मारने की सोचने लगते हैं। फिल्मों, किस्सों और अफवाहों ने हमारे मन में सांपों को लेकर ऐसा डर बैठा दिया है कि अब हर सांप हमें जानलेवा जहर से भरा नजर आता है। लेकिन सच्चाई इससे बहुत अलग है। भारत में पाए जाने वाले करीब 270 प्रजातियों में से ज्यादातर सांप बिलकुल भी जहरीले नहीं होते। वे इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि चुपचाप अपने काम में लगे रहते हैं। ये सांप पर्यावरण का संतुलन बनाए रखते हैं खेतों को बचाते हैं, चूहों और कीड़ों की आबादी को नियंत्रित करते हैं।
इसके बावजूद जानकारी की कमी और अंधविश्वास के कारण इन्हें मार दिया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे ऐसे ही 10 हानिरहित भारतीय सांपों के बारे में, जिनसे डरना नहीं, उन्हें समझना जरूरी है।
ये पेंसिल जितना छोटा सांप अक्सर केंचुए जैसा दिखता है। ये गीली मिट्टी और बगीचों में रहता है और दीमक और चींटी के लार्वा खाता है।
दक्षिण भारत में पाया जाने वाला ये सांप भी मिट्टी में छिपकर रहता है और कीड़ों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाए रखता है।
20 फीट तक लंबा होने वाला ये सांप जहरीला नहीं होता। ये अपने शिकार को लपेट कर मारता है और ज्यादातर wetlands या जंगलों में रहता है।
सूखे इलाकों में रहने वाला ये सांप धीरे चलता है और चूहों को खाकर खेतों की रक्षा करता है।
इसका पूंछ सिर जैसी दिखती है, इसलिए लोग इसे दुर्लभ मानते हैं और पकड़ने की कोशिश करते हैं। जबकि ये बिल्कुल शांत और रात में सक्रिय रहने वाला प्राणी है।
रेत जैसी खुरदुरी त्वचा वाला ये सांप भारत के तटों पर मिलता है और मछली खाता है। पानी के आसपास रहता है और इंसानों से कोई खतरा नहीं होता।
ये सांप दिखने में फुर्तीला होता है, इसलिए लोग इसे जहरीला समझ लेते हैं। मगर ये चूहे, मेंढक और पक्षी खाकर खेती को बचाता है।
पश्चिमी घाट में पाया जाने वाला ये साँप पीले-कालों धब्बों के कारण सुंदर दिखता है। ये भी जहरीला नहीं है और छोटे जीवों पर जीवित रहता है।
ये सांप अकसर कोबरा समझकर मारा जाता है, जबकि यह बिल्कुल हानिरहित होता है और चूहों को खाकर फसलों को बचाता है।
भूरे रंग का ये सांप अपने रेसिंग स्वभाव के बावजूद किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता। ये भी चूहे और कीट खाकर खेतों की सेवा करता है।