Japanese encephalitis: मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस से छह वर्षीय एक बच्चे की मौत हो गई है। अधिकारियों ने मंगलवार (12 अगस्त) को बताया कि जिले के अमरपुर ब्लॉक के बहेरा गांव के रहने वाले संतोष गौतम के 6 वर्षीय बेटे अजय की मौत छह अगस्त को जबलपुर मेडिकल कॉलेज में हुई। अधिकारियों ने बताया कि अमरपुर के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) एस एस मरकाम के साथ मलेरिया विभाग की टीम ने गांव का दौरा कर परिजनों से मुलाकात की है। उनसे सारी जानकारी जुटाई की गई है। बता दें कि जापानी इंसेफेलाइटिस एक गंभीर जानलेवा बीमारी है।
डिंडोरी जिले की प्रभारी मलेरिया अधिकारी जयश्री मरावी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, "आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की रिपोर्ट में बच्चे की मौत जापानी इंसेफेलाइटिस से होना पाई गई है।" उन्होंने बताया कि अमरपुर के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) एस एस मरकाम के साथ मलेरिया विभाग की टीम ने गांव का दौरा कर परिजनों से मुलाकात की है और उनसे सारी जानकारी एकत्र की गई है।
मरावी ने कहा कि टीम ने आसपास की गंदगी एवं हालात का जायजा लेने के बाद पूरे गांव में दवा छिड़काव का फैसला किया है। परिजनों ने बताया कि पिछले महीने अजय अपनी बहन के साथ खेल रहा था और इसी दौरान वह गिर गया। उन्होंने कहा कि गिरने के बाद अजय का बायां पैर फूल गया था। उसे तेज बुखार भी आया था। इसके बाद डिंडोरी में एक प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज कराया गया।
परिजनों ने बताया कि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वे अजय को जिला अस्पताल लेकर गए, जहां के डॉक्टरों ने अजय को जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। अजय के पिता संतोष ने पीटीआई को बताया कि जबलपुर स्थित आईसीएमआर की लैब में हुई जांच की रिपोर्ट में उनके बेटे के जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस से पीड़ित होने की बात सामने आई है।
उन्होंने कहा कि अजय की बड़ी बहन मधु गौतम को भी बुखार आ रहा है। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, मलेरिया टीम के अधिकारियों ने बताया कि मधु का बुखार सामान्य बुखार लग रहा है क्योंकि उसमें जापानी इंसेफेलाइटिस के कोई लक्षण नहीं हैं।
जापानी इंसेफेलाइटिस एक गंभीर वायरल जूनोटिक बीमारी है। यह वायरस इतना ज्यादा खतरनाक है कि इससे आपकी जान भी जा सकती है। यह वायरस मच्छरों के जरिए इंसानों में एंट्री करता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को थकान, सिर दर्द, बुखार और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक इस बीमारी का समय रहते इलाज नहीं किया गया तो मस्तिष्क में सूजन होना, मरीज का कोमा में चले जाना और लकवा लगने तक की शिकायत हो सकती है। इसके बचाव की बात करें तो आप मच्छरदानी का उपयोग करें। साथ ही मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर के आस-पास पानी जमा न होने दें, ताकि मच्छर पनप न सकें।