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कर्नाटक सरकार ने 12 घंटे के वर्किंग आवर्स का रखा प्रस्ताव! आईटी यूनियन ने किया विरोध, काम के घंटों को लेकर बहस तेज

इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के 70 घंटे के कार्यसप्ताह के सुझाव के बाद से पिछले कुछ महीनों से काम के घंटों पर बहस चल रही है। L&T के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एस.एन. सुब्रह्मण्यन ने भी सप्ताह में 90 घंटे काम करने की बात कहके सोशल मीडिया पर एक बहस छेड़ दी थी

Edited By: Abhishek Guptaअपडेटेड Jun 18, 2025 पर 9:16 PM
कर्नाटक सरकार ने 12 घंटे के वर्किंग आवर्स का रखा प्रस्ताव! आईटी यूनियन ने किया विरोध, काम के घंटों को लेकर बहस तेज
आंध्र प्रदेश सरकार ने ऐसा ही एक प्रस्ताव इसी महीने लाया था जिसमें प्रतिदिन काम के घंटों को नौ से बढ़ाकर 10 घंटे करने का प्रस्ताव दिया गया

Bengaluru News: कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक अपने दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1961 में संशोधन करके राज्य में दैनिक काम के घंटों को नौ से बढ़ाकर 10 घंटे करने और एक दिन में 12 घंटे तक काम करने का प्रस्ताव ला रही है। कर्नाटक राज्य आईटी कर्मचारी संघ (KITU) ने बुधवार को इस प्रस्ताव का विरोध किया और सभी से इसका विरोध करने का आह्वान किया।

नए प्रस्ताव में क्या है?

'द हिंदू' की रिपोर्ट के अनुसार, यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो तिमाही ओवरटाइम की सीमा भी 50 से बढ़ाकर 144 घंटे हो जाएगी। यह घटनाक्रम आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा इसी महीने की शुरुआत में इसी तरह के प्रस्ताव के बाद आया है, जिसमें प्रतिदिन काम के घंटों को नौ से बढ़ाकर 10 घंटे करने का प्रस्ताव दिया गया था। आंध्रा में भी उस प्रस्ताव का भारी विरोध हुआ था।

कर्नाटक के मजदूर विभाग ने विभिन्न हितधारकों को इसके लिए मसौदा संशोधनों में ये कहा है कि केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार राज्य के नियमों में बदलाव के लिए ऐसा किया गया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से काम के घंटों की सीमा बढ़ाने पर विचार करने को कहा था। डेक्कन हेराल्ड के अनुसार, विभाग ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने भी इसी तरह के निर्णय लिए गए है।

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