फैमिली गैदरिंग्स यानि पारिवारिक समारोह में रिश्तेदारों के साथ बातचीत, पुरानी यादें, गपशप आम बात है। लेकिन अगर एकदम से सैलरी, सेविंग्स और शादी का टॉपिक डिस्कस होने लगे तो सिचुएशन थोड़ी अजीब हो जाती है। व्यक्ति असहज और खुद को फंसा हुआ महसूस करने लगता है। ऐसा ही कुछ हुआ दिल्ली के एक इंसान के साथ, जो अपने चचेरे भाई के बेटे के दूसरे जन्मदिन पर एक छोटे से पारिवारिक समारोह में गया था। व्यक्ति ने पूरा वाकया रेडिट पर एक पोस्ट में शेयर किया है।