केरल-महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में मानसून ने दस्तक दे दी है और पिछले कई दिनों से मुंबई, बेंरलुरु समेते कई शहरों में बारिश भी देखने को मिल रही है। इसी बीच दिल्ली-एनसीआर में कभी गर्मी और कभी बारिश का मौसम चल रहा है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में मानसून कब तक आएगा इसकी तारीख हर कोई जानना चाह रहा है। वहीं दिल्ली-एनसीआर में मानसून के आगमन को लेकर अब बड़ी जानकारी सामने आई है।
दिल्ली-एनसीआर में कब पहुंचेगा मनसून?
मौसम को लेकर भविष्यवाणियां अभी अलग-अलग हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में मानसून जल्दी आ सकता है, जबकि कुछ अनुमान बताते हैं कि इसमें देरी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 2 जून के बाद मानसून की रफ्तार धीमी पड़ सकती है, जिससे यह उत्तर भारत की ओर धीरे-धीरे बढ़ेगा। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर को अच्छी बारिश के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है।
थम सकती है मानसून की रफ्तार
स्काईमेट वेदर के अध्यक्ष और सीनियर मौसम वैज्ञानिक जीपी शर्मा ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में मानसून अक्सर देर से पहुंचता है। उन्होंने बताया कि 2 जून के बाद मानसून कुछ समय के लिए थम सकता है और एक हफ्ते तक कोई खास बढ़त नहीं दिखेगी। उनके मुताबिक, मानसून को फिर से सक्रिय करने की उम्मीद बंगाल की खाड़ी से जुड़ी है। अगर वहां कोई नया मौसम सिस्टम बनता है, तो इससे मानसून को दोबारा ताकत मिल सकती है और उसकी रफ्तार फिर से शुरू हो सकती है।
22 जून तक पहुंचने का अनुमान
उन्होंने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में मानसून आमतौर पर 25 से 27 जून के बीच पहुंचता है। इस बार भी यह कुछ दिन पहले या थोड़ा देर से, यानी 22 से 27 जून के बीच आ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मानसून के बारे में और सही जानकारी मध्य जून तक मिलने की उम्मीद है।
वहीं भारत मौसम विभाग ने बताया है कि 2025 में लगातार दूसरे साल सामान्य से ज़्यादा बारिश हो सकती है और यह बारिश पिछले 16 सालों में सबसे पहले शुरू हुई है। केरल के तट पर मानसून तय समय से आठ दिन पहले ही पहुंच गया और अब देश के करीब आधे हिस्से में फैल चुका है। भीषण गर्मी के बीच इस शुरुआती बारिश ने काफी राहत दी है, खासतौर पर तब जब एयर-कंडीशनिंग और सिंचाई की ज़रूरतें बढ़ जाती हैं। बारिश की वजह से तापमान में अचानक गिरावट आई है। अच्छी बारिश से दक्षिण और पश्चिम भारत के जलाशयों में पानी भरने लगा है, जिससे पानी की कमी की चिंताएं भी अब कम हो गई हैं।