नासिक की एक महिला जब थाने पहुंची तो उसकी कहानी सुनकर पुलिस भी दंग रह गई। महिला का आरोप है कि उसका पति ने कनाडा में बैठकर उसे कुरियर से एक लेटर के जरिए तीन तलाक दिया है। मामला सामने आते ही मुंबई नाका पुलिस ने पति, ससुर और सास के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। यह महिला बिहार की रहने वाली थी और शादी कर के नासिक आई थी।
महिला ने बताया कि उसकी मुलाकात शादी डॉट कॉम पर हुई थी। सब कुछ ठीक लगते हुए 24 जनवरी 2022 को मुस्लिम रीति से निकाह हुआ। लेकिन शादी के कुछ महीने बाद ही रिश्ते में खटास आने लगी। कभी बिहार में रहते हुए, तो कभी कनाडा जाने के बाद- पति और ससुराल पक्ष लगातार उस पर मानसिक और शारीरिक दबाव डालते रहे।
मायके से पैसे मांगने पर विवाद बढ़ा
शिकायत में महिला ने कहा कि पति नया बिजनेस शुरू करना चाहता था, जिसके लिए वह मायके से पैसे लाने का दबाव डालता था। जब उसने मना किया तो पति, सास और ससुर उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट करने लगे। घर का माहौल दिन-ब-दिन तनावपूर्ण होता गया।
सोने के गहने छीनकर घर से निकालने का आरोप
महिला के अनुसार शादी में मिले करीब आठ तोले सोने के गहने भी उससे जबरदस्ती उतार लिए गए। इसके बाद उसे घर से बाहर निकाल दिया गया। उसने कई बार रिश्ते को बचाने की कोशिश की, लेकिन ससुरालवालों का रवैया नहीं बदला। इसके बाद वह अपने मायके चली गई।
कुरियर से मिला ट्रिपल तलाक का झटका
घर से निकाल दिए जाने के कुछ समय बाद उसके पास एक कुरियर आया। लिफाफा खोलते ही वह सन्न रह गई। उसमें उसके पति के हस्ताक्षर के साथ ट्रिपल तलाक का लेटर था। यह देखकर महिला पूरी तरह टूट गई और वह तुरंत महिला सुरक्षा शाखा के पास पहुंची।
पुलिस ने शुरू की सख्त कार्रवाई
जांच के बाद मुंबई नाका पुलिस ने पति और उसके माता-पिता पर केस दर्ज कर लिया है। उन पर मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण कानून की धारा 4 के तहत तीन तलाक भेजने का आरोप लगा है। साथ ही, आईपीसी की धारा 85 समेत क्रूरता और अपमान से जुड़ी अन्य धाराएं भी लगाई गई हैं।
भारत में तीन तलाक गैर-कानूनी
भारत में 2019 में बना "मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम" तीन तलाक को पूरी तरह गैरकानूनी (Illegal) घोषित करता है।
कानून के अनुसार, अगर कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को तुरंत तीन तलाक (बोले, लिखे, मैसेज, ईमेल, वीडियो, किसी भी तरीके से) देता है, तो उसे 3 साल तक की जेल हो सकती है। इसके साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
यह गंभीर और संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) है, यानी पुलिस बिना वारंट के भी FIR दर्ज कर सकती है। यह जमानती नहीं है, यानी जमानत सीधे अदालत से ही मिलती है।