बिहार में बुधवार को बदले मौसम ने भारी तबाही मचाई। राज्य के कई जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं हुईं, जिसमें कुल 22 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 11 अन्य लोग झुलस गए। सबसे ज्यादा असर बेगूसराय और दरभंगा जिलों में देखने को मिला, जहां पांच-पांच लोगों की जान गई। इसके अलावा मधुबनी में चार, औरंगाबाद, समस्तीपुर और सहरसा में दो-दो तथा अररिया में एक व्यक्ति की मौत की खबर है। अचानक हुए इस मौसम के कहर ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, वे गहरे सदमे में हैं।
राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है और लोगों से खराब मौसम में सतर्कता बरतने की अपील की है। वज्रपात से जुड़ी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
सीएम नीतीश कुमार ने इस प्राकृतिक आपदा पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें और आपदा प्रबंधन विभाग की चेतावनियों का पालन करें।
महिलाओं और बच्चों की भी गई जान
वज्रपात की चपेट में आने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। बेगूसराय में एक किशोरी और एक महिला की मौत हुई है। वहीं दो बच्चियां और एक महिला समेत छह लोग बुरी तरह झुलस गए हैं। नवादा जिले में भी चार अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने से पांच लोग घायल हुए हैं।
तेज आंधी-बारिश ने बढ़ाई मुसीबत
दरभंगा में तेज बारिश और आंधी के साथ आई बिजली ने तीन लोगों की जान ले ली और एक की हालत गंभीर बनी हुई है। मौसम का ये बदला मिजाज आम जनजीवन के साथ-साथ खेती-किसानी पर भी असर डाल रहा है।
बेमौसम बारिश और तेज हवाओं से गेहूं, तिलहन और दलहन की फसलें काफी प्रभावित हुई हैं। कई खेतों में खड़ी फसलें गिर गई हैं और पहले से कटे गेहूं भीग कर नष्ट हो गए हैं। आम और लीची के कच्चे फल भी पेड़ों से गिरकर बर्बाद हो गए। हालांकि सब्जी, मूंग और तिल जैसी कुछ फसलों के लिए ये बारिश फायदेमंद रही है।