उत्तर प्रदेश के सीतापुर में महोली इलाके में एक हिंदी अखबार के पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब पुलिस ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि पत्रकार की हत्या के सिलसेले में गुरुवार को एक मंदिर के पुजारी और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया। राघवेंद्र बाजपेयी की 8 मार्च को उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के महोली क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सीतापुर के पुलिस अधीक्षक (SP) चक्रेश मिश्रा ने दावा किया कि पुजारी विकास राठौर उर्फ शिवानंद ने बाजपेयी की हत्या के लिए अपने परिचितों निर्मल सिंह और असलम गाजी को 4 लाख रुपए की सुपारी दी थी, क्योंकि पत्रकार ने उन्हें मंदिर परिसर में एक नाबालिग लड़के का यौन शोषण करते हुए देखा था।
SP ने बताया कि जिले के ही रहने वाले निर्मल और असलम ने इस काम के लिए दो शूटरों को भाड़े पर हायर किया था।
SP ने बताया कि जिन शूटरों की पहचान कर ली गई है, वे फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी की कोशिश जारी हैं। उन्होंने बताया कि दोनों कुख्यात अपराधी हैं और पहले भी कई बार जेल जा चुके हैं।
SP मिश्रा ने बताया कि राठौर पिछले पांच साल से महोली के मंदिर में विकास मिश्रा उर्फ शिवानंद के नाम से रह रहा था। फरवरी में बाजपेयी ने उसे नाबालिग का यौन शोषण करते हुए देख लिया था, जिसके बाद से वह अपनी पोल खुलने से डर रहा था।
उन्होंने बताया, "विकास राठौर पहले महोली मंदिर में मुख्य पुजारी के साथ पूजा-पाठ और दूसरे धार्मिक कामों में मदद करता था। फिर वह खुद पुजारी बन गया और सीतापुर के बाहर से भी धार्मिक आयोजनों के लिए फोन आने लगा। हमने अपनी जांच में पाया कि राठौर नाबालिग लड़के का यौन शोषण करता था।"
SP ने बताया कि बाजपेयी मंदिर में नियमित रूप से आता था और राठौर के साथ उसके अच्छे संबंध थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया, "पूछताछ के दौरान राठौर ने बताया कि फरवरी में एक दिन बाजपेयी ने उसे नाबालिग लड़के का यौन शोषण करते हुए देखा और इसके लिए उसे डांटा। राठौर को हमेशा डर लगा रहता था कि बाजपेयी घटना के बारे में गांव वालों को बता देगा और मंदिर के पुजारी के तौर पर उसकी प्रतिष्ठा और आजीविका चली जाएगी।"
पुलिस ने बताया कि इसके बाद राठौर की मुलाकात निर्मल सिंह और असलम गाजी से हुई, जिन्होंने उसे बाजपेयी को खत्म करने में मदद का आश्वासन दिया।
SP ने बताया, "8 मार्च की सुबह राठौर ने बाजपेयी को मंदिर में बुलाया और फिर सीतापुर शहर के लिए निकल गया। उसे पत्रकार की दोपहर 3 बजे गोली मारकर हत्या के आधे घंटे बाद बाजपेयी की हत्या के बारे में पता चला।"
SP मिश्रा ने बताया कि हत्या की जांच के सिलसिले में 11 मार्च को पुलिस टीम के मंदिर दौरे के तुरंत बाद राठौड़ ने अग्रिम जमानत प्रक्रिया के बारे में पूछताछ के लिए हाई कोर्ट के एक वकील से संपर्क किया था।