Snake: सांप काटने पर कौन-सा इंजेक्शन जहर का काम तमाम कर देता है? जानिए एक्सपर्ट से पूरी डिटेल
Anti Venom For Snake Bite: बरसात के मौसम में सांपों के काटने के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं क्योंकि पानी भरने पर वे अपने बिल छोड़कर इंसानी इलाकों की ओर बढ़ जाते हैं। ऐसे में अगर समय रहते इलाज न मिले, तो विषैला जहर जानलेवा हो सकता है। जानिए कैसे एंटी वेनम इंजेक्शन आपकी जान बचा सकता है
Anti Venom For Snake Bite: भारत में पाए जाने वाले जहरीले सांप तीन मुख्य प्रकार के जहर छोड़ते हैं
जब बारिश होती है तो सिर्फ मौसम ही नहीं बदलता, बल्कि कई और चीजें भी बदलने लगती हैं। ऐसे में जमीन के नीचे रहने वाले कई जीव-जंतु बाहर निकल आते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा खतरा सांपों से होता है। बारिश के कारण उनके बिलों में पानी भर जाता है, जिससे वे सूखी और सुरक्षित जगहों की तलाश में इंसानों के घरों या आसपास के इलाकों में पहुंच जाते हैं। कभी ये सांप झाड़ियों में, लकड़ियों के ढेर में या घर के कोनों में जाकर छिप जाते हैं। ऐसे में अगर कोई इंसान गलती से उनके पास चला जाए, तो वे काट लेते हैं। इसलिए बारिश के मौसम में सांपों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। इस समय सावधानी रखना बहुत जरूरी हो जाता है ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
सांप का काटना क्यों है जानलेवा?
भारत में पाए जाने वाले करीब 400 सांपों की प्रजातियों में से लगभग 60 बेहद विषैली होती हैं। इंडियन कोबरा, कॉमन करैत, रसेल वाइपर और सॉ स्केल्ड वाइपर जैसे सांप इतने जहरीले होते हैं कि अगर काटने के कुछ ही मिनटों में इलाज न मिले, तो व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। इसलिए समय पर इलाज, खासकर एंटी वेनम इंजेक्शन, जान बचाने में सबसे अहम भूमिका निभाता है।
क्या होता है स्नेक एंटी वेनम?
स्नेक बाइट के इलाज में सबसे कारगर हथियार होता है स्नेक एंटी वेनम इंजेक्शन। ये एक प्रिस्क्रिप्शन दवा है जो चार प्रमुख प्रकार के जहर के खिलाफ काम करती है। ये इंजेक्शन जहर को निष्क्रिय करता है और व्यक्ति को जहर के घातक असर से बचाने में मदद करता है। डॉक्टर दिलीप सिंह ने न्युज 18 से बात करते हुए बताया कि ये इंजेक्शन जिंदगी और मौत के बीच की दूरी कम कर देता है।
कितनी जल्दी लगना चाहिए एंटी वेनम?
सांप के काटने के बाद हर सेकंड कीमती होता है। गैर-विषैले सांप के काटने पर एंटी वेनम की जरूरत नहीं होती। लेकिन अगर किसी विषैले सांप जैसे कोबरा या करैत ने काटा है, तो 30 से 40 मिनट के भीतर एंटी वेनम लगाना अनिवार्य होता है। हालांकि अगर इससे पहले ही इंजेक्शन मिल जाए, तो असर और तेज हो सकता है। कुछ खास मामलों में 24 घंटे के अंदर भी इलाज संभव है, लेकिन देर जिंदगी के लिए खतरनाक हो सकती है।
सांप का जहर शरीर में कैसे असर करता है?
हर सांप का जहर अलग होता है और शरीर के अलग हिस्सों को प्रभावित करता है।
न्यूरोटॉक्सिक जहर तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है। इससे व्यक्ति को लकवा, मांसपेशियों में कमजोरी और कभी-कभी मौत तक हो सकती है।
कार्डियोटॉक्सिक जहर दिल और रक्त प्रवाह प्रणाली पर असर डालता है, जिससे बीपी लो या हाई हो सकता है, या हार्ट फेल हो सकता है।
कुछ मामलों में मरीज को बेहोशी, हाई ग्रेड बुखार और मूर्छा जैसी गंभीर स्थितियां हो सकती हैं।
कितनी डोज लगती है एंटी वेनम की?
एंटी वेनम की मात्रा तय होती है मरीज की हालत के आधार पर। अगर जहर का असर कम है, तो एक डोज काफी होती है। लेकिन अगर हालत गंभीर हो, तो तीन से चार फॉलोअप डोज भी दी जा सकती हैं।खासकर अगर सांप बेहद जहरीला हो, तो बड़ी मात्रा में एंटी वेनम की जरूरत पड़ती है, क्योंकि हर खुराक में एंटीबॉडीज सीमित मात्रा में होती हैं।
जहर के प्रकार और उनका प्रभाव
भारत में पाए जाने वाले जहरीले सांप तीन मुख्य प्रकार के जहर छोड़ते हैं।
1. न्यूरोटॉक्सिन जहर
नर्वस सिस्टम पर हमला करता है। इससे व्यक्ति का शरीर लकवाग्रस्त हो सकता है, सांसें रुक सकती हैं और मृत्यु भी संभव है। यह जहर कोबरा, करैत, और वाइपर जैसे सांपों में पाया जाता है।
2. हेमोटॉक्सिन जहर
ये रक्त को प्रभावित करता है। ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है जिससे ब्लीडिंग, ऑर्गन फेल्योर और मृत्यु तक हो सकती है। ये जहर रसेल वाइपर और किंग कोबरा जैसे सांपों में पाया जाता है।
3. साइटोटॉक्सिक जहर
ये जहर सीधे टीशूज को नष्ट करता है। इसके असर से सूजन, तीव्र दर्द और कभी-कभी त्वचा सड़ने जैसी स्थिति भी बन सकती है। ये जहर रैटल स्नेक, बोआ कंस्ट्रिक्टर और अजगर जैसे सांपों में होता है।