Surya Grahan 2025: साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण बस कुछ ही दिनों में होने वाला है। यह दिलचस्प खगोलीय घटना 21 सितंबर को होगी। इस साल का पितृ पक्ष बेहद खास है क्योंकि इसकी शुरुआत और अंत दोनों ग्रहण से होगा। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन 07 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण लगा था। इसी दिन पितृ पक्ष शुरू हुआ था। 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण लगेगा, जब सर्वपितृ अमावस्या होगी और लोग अपने पितरों को विदा करेंगे। ऐसा माना जा रहा कि 122 साल बाद ये संयोग बना है। लेकिन इस आंशिक सूर्य ग्रहण को भारत के लोग नहीं देख पाएंगे। अब सवाल ये उठता है कि अगर ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, तो इसका सूतक माना जाएगा क्या? आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं।
जहां ग्रहण दिखेगा, वहीं माना जाएगा सूतक
ग्रहण से पहले लगने वाला सूतक काल वहीं मान्य होता है, जहां ग्रहण दिखाई देता है। 21 सितंबर को होने वाला ग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा, इसलिए इसका सूतक भी यहां मान्य नहीं होगा।
भारतीय समयानुसार साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को रात करीब 11 बजे शुरू होगा और देर रात 03.23 बजे खत्म होगा। यह सूर्य ग्रहण जब लगेगा तब भारत में रात रहेगी, इसलिए यह ग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा और सूतक काल भी नहीं माना जाएगा। सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग साढ़े 4 घंटे की होगी।
सूर्य ग्रहण भारत के अलावा पड़ोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, यूएई, यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में भी नहीं दिखाई देगा। 21 सितंबर का ग्रहण न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग में दिखाई देगा।
कन्या राशि में लगेगा सूर्य ग्रहण
आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होने वाला यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फागुनी नक्षत्र में लग रहा है। सूर्य ग्रहण के समय सूर्य कन्या राशि में होगा और बुध के साथ मिलकर बुधादित्य राजयोग बना रहा होगा। इसलिए, इस सूर्य ग्रहण का राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा। लेकिन कन्या राशि और उत्तरा फागुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इस सूर्य ग्रहण का विशेष प्रभाव पड़ेगा।