Unnao Khamenei Poster Row: ईरान और इजरायल के बीच जंग समाप्त होने के बाद ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई दुनियाभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। खामेनेई के समर्थक सीजफायर को इजरायल और अमेरिका पर ईरान की जीत मान रहे हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के मौरावां कस्बे में ईरानी सर्वोच्च नेता खामेनेई का एक पोस्टर लगाए जाने के बाद उस पर विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर पुलिस के हस्तक्षेप के बाद पोस्टर हटा दिया गया। वहीं, मुस्लिम संगठनों ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड और मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद ने खामेनेई का पोस्टर हटाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है।
उन्नाव पुलिस के अनुसार मौरावां कस्बे में स्थित सैय्यदबाड़ा मोहल्ले में दो स्थानीय लोगों ने अपने घर की दीवार पर खामेनेई का पोस्टर लगाया था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने दोनों व्यक्तियों से बातचीत कर पोस्टर हटाने का अनुरोध किया। इस पर दोनों लोगों ने सहयोग करते हुए पोस्टर खुद हटा लिया।
इस संबंध में उन्नाव पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "थाना मौरावां क्षेत्रांतर्गत कस्बा मौरावां के सय्यदबाड़ा निवासी दो व्यक्तियों द्वारा अपने घर की दीवार पर ईरान के नेता का पोस्टर लगाया गया था। सूचना पर थाना मौरावां पुलिस द्वारा तत्काल मौके पर पहुंचकर भवन में पोस्टर लगाने वाले दोनों व्यक्तियों से पोस्टर हटाने का अनुरोध किया गया, जिसके बाद दोनों ने पोस्टर हटा दिया।"
स्थानीय पुलिस के मुताबिक, चूंकि पोस्टर लगाने वालों ने अनुरोध पर उसे खुद हटा लिया। इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिकारियों ने बताया कि मौके पर किसी प्रकार का कोई तनाव नहीं है। फिलहाल स्थिति पूरी तरह सामान्य है।
मुस्लिम संगठनों ने किया विरोध
पीटीआई के मुताबिक, शिया मुसलमानों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना याकूब अब्बास ने एक बयान में कहा, "देश के विभिन्न हिस्सों, खासकर उत्तर प्रदेश में अयातुल्ला खामेनेई की तस्वीरों को उतारा जा रहा है। उसकी मैं ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से निंदा करता हूं। मैं केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकारों से उन अधिकारियों को निलंबित करने की मांग करता हूं जिन्होंने अपने सामने अयातुल्ला खामेनेई साहब के पोस्टर को उतरवाया।"
उन्होंने कहा, "ईरान के हिंदुस्तान से बहुत पुराने ताल्लुकात हैं लिहाजा इनमें दरार डालने के लिए कुछ अराजक तत्व इस काम को अंजाम दिलवा रहे हैं। अगर अब कहीं पर अयातुल्ला खामेनेई साहब का पोस्टर उतारा या हटाया गया तो उसका अंजाम अच्छा नहीं होगा। उसके खिलाफ बाकायदा मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।" मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने भी खामेनेई का पोस्टर हटवाए जाने की निंदा की है।
जव्वाद ने एक बयान में कहा, "हम अयातुल्लाह खामेनेई की तस्वीर सियासी नहीं बल्कि उनके मजहबी रहनुमा (धर्म गुरु) होने की वजह से लगाते हैं और आगे भी लगाएंगे, चाहें प्रशासन कोई भी कार्रवाई करे। अगर ये सरकार की नीति है कि अयातुल्लाह खामेनेई और अयातुल्लाह सीस्तानी की तस्वीरें नहीं लगाई जाएंगी, तो फिर यह भी ऐलान कर दिया जाए कि अब हिंदुस्तान में नेतन्याहू (इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू) की सरकार है, भारत की सरकार का राज नहीं हैं।"
उन्होंने कहा, "हुकूमत को इजरायल के प्रति अपने प्रेम में इतना आगे नहीं बढ़ना चाहिए कि उसका नुकसान भारत को उठाना पड़े। क्या भारत सरकार अब ईरान के साथ अपने रिश्ते खत्म करना चाहती है? अगर ऐसा है तो सरकार ऐलान करे। हमारे धर्म गुरुओं की तस्वीरें हर हाल में लगायी जाएंगी। अब अगर प्रशासन ने हटाने की कोशिश की तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे।"