कभी हाइवे पर गाड़ी चलाते वक्त ध्यान दिया है—सड़क किनारे लगे ज्यादातर बोर्ड हरे या कभी-कभी नीले रंग के क्यों होते हैं? ऐसा लगता है मानो इन रंगों में कोई राज छिपा हो। दूर से ही नजर आने वाले ये साइनबोर्ड ड्राइवर को दिशा दिखाते हैं, लेकिन इनके रंगों का मतलब जानने वाले कम ही लोग होते हैं। आखिर सरकार ने सड़क सुरक्षा के लिए हरे और नीले रंग को ही क्यों चुना? क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक वजह है या फिर बस एक डिजाइन का संयोग?
अगली बार जब आप सफर पर निकलें और किसी हरे बोर्ड पर "दिल्ली 120 KM" लिखा देखें, तो जरा ठहरिए और सोचिए क्यों नहीं लाल, पीला या सफेद, बल्कि हमेशा यही रंग? आइए जानते हैं सड़क के इन रंगों का असली रहस्य, जो हर ड्राइवर की निगाहों के सामने होता है लेकिन शायद ही किसी ने गौर किया हो।
हरा रंग और चालक की सुरक्षा
डेली स्टार न्यूज और सोशल मीडिया पर चर्चा के मुताबिक, हरा रंग यात्रियों के लिए सबसे आरामदायक माना जाता है। ट्रैफिक सिग्नल्स की तरह लाल या पीला रंग ध्यान खींच सकता है और ड्राइविंग के दौरान डिस्ट्रैक्शन बढ़ा सकता है। इसलिए हरा रंग शांति और स्पष्टता देता है, जिससे चालक अपनी नजर सड़क पर बनाए रख सकता है।
अमेरिका और भारत में समान पैटर्न
अमेरिका के हाइवे साइन बोर्ड्स भी हरे रंग के होते हैं। इसका कारण वही है हरा रंग आंखों को आराम देता है और लंबी दूरी तक पढ़ने में आसानी होती है। ये रंग मनोवैज्ञानिक रूप से भी स्थिरता और संतुलन का संकेत देता है।
हाइवे पर साइन बोर्ड का मुख्य काम है शहरों के नाम और दूरी बताना। जब ये बोर्ड हरे रंग में होते हैं, तो चालक बिना ध्यान भटके, जानकारी आसानी से पढ़ सकता है। वहीं, लाल या पीले रंग का इस्तेमाल केवल चेतावनी या खतरे के संकेत के लिए किया जाता है।
अगली बार जब आप हाइवे पर चल रहे हों, तो याद रखें – हरा रंग सिर्फ सुंदर दिखने के लिए नहीं है, बल्कि यह आपकी सुरक्षा और आराम के लिए भी जरूरी है।