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शादी और मंगनी में अंगूठी बाएं हाथ की तीसरी अंगुली में क्यों पहनी जाती है? जानें वजह

Wedding ring: शादी जीवन का सबसे खास पल है, जिसमें मंगनी या इंगेजमेंट सबसे पहली रस्म होती है। इस अवसर पर युवक और युवती एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। खास बात यह है कि यह अंगूठी हमेशा लड़की के बाएं हाथ की अनामिका अंगुली में पहनी जाती है, जो प्रेम और जीवनसाथी बनने का प्रतीक है

Edited By: Anchal Jhaअपडेटेड Nov 23, 2025 पर 3:26 PM
शादी और मंगनी में अंगूठी बाएं हाथ की तीसरी अंगुली में क्यों पहनी जाती है? जानें वजह
wedding ring: बाएं हाथ की तीसरी अंगुली सीधे ह्रदय से जुड़ी मानी जाती है।

शादी जीवन का सबसे खास और यादगार पल माना जाता है, जिसमें केवल दो लोग ही नहीं, बल्कि दोनों परिवार भी शामिल होते हैं। हिंदू रीति-रिवाजों में शादी को कई रस्मों और परंपराओं से जोड़ा गया है, जो हर चरण में विशेष महत्व रखते हैं। इनमें सबसे पहली रस्म मंगनी या इंगेजमेंट होती है, जो दंपत्ति के रिश्ते की आधिकारिक शुरुआत मानी जाती है। इस अवसर पर युवक और युवती एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं, जो उनके प्रेम और वचनबद्धता का प्रतीक होती है। खास बात ये है कि सगाई या शादी की अंगूठी हमेशा लड़की के बाएं हाथ की अनामिका अंगुली में पहनी जाती है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ये अंगुली प्रेम, आकर्षण और स्थायित्व से जुड़ी होती है। इसके अलावा, बाएं हाथ की तीसरी अंगुली सीधे ह्रदय से जुड़ी मानी जाती है, इसलिए इसे जीवनभर प्रेम और साथ निभाने का प्रतीक माना जाता है। इस तरह अंगूठी केवल आभूषण नहीं, बल्कि भावनाओं और रिश्ते की गहराई का प्रतीक भी बन जाती है।

अनामिका अंगुली का रहस्य

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, अनामिका अंगुली प्रेम, आकर्षण और उत्तेजना से जुड़ी होती है। बाएं हाथ की तीसरी अंगुली दंपत्ति के बीच के प्रेम और संबंध का प्रतीक मानी जाती है। ये अंगुली यह दर्शाती है कि दोनों जीवन भर एक-दूसरे के साथ रहेंगे। इसलिए शादी या सगाई की अंगूठी इस अंगुली में पहनना शुभ माना जाता है।

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