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Pakistan-Afghanistan Ceasefire: दोहा वार्ता में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 'तत्काल युद्धविराम' पर बनी सहमति, जानिए क्या है शर्तें?

Doha Peace Talks: यह युद्धविराम ऐसे समय में हुआ है जब शुक्रवार देर रात पाकिस्तान के हवाई हमलों में अफगानिस्तान के पाकटिका प्रांत में 10 नागरिक मारे गए, जिनमें तीन स्थानीय क्रिकेटर और दो बच्चे शामिल थे

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Oct 19, 2025 पर 7:38 AM
Pakistan-Afghanistan Ceasefire: दोहा वार्ता में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 'तत्काल युद्धविराम' पर बनी सहमति, जानिए क्या है शर्तें?
तालिबान के प्रतिनिधि ने बताया कि 'हमारा कर्तव्य अपने देश की रक्षा करना है। यह एक असमान युद्ध है क्योंकि हमारे पास हवाई रक्षा की कमी है'

Pakistan-Afghanistan Conflict: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर एक सप्ताह तक चली भीषण गोलाबारी और हवाई हमलों के बाद अब दोनों देश 'तत्काल युद्धविराम' पर सहमत हो गए हैं। कतर के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि कतर और तुर्की की मध्यस्थता में दोहा में हुई उच्च-स्तरीय बातचीत के बाद सीजफायर पर सहमति बनी है। बंद कमरे में चली चार घंटे से अधिक की यह पहली बातचीत शनिवार देर शाम को समाप्त हुई। आपको बता दें कि इस टकराव में दोनों ओर के दर्जनों सैनिक और नागरिक मारे गए है। अब दोनों पक्ष अब शांति बनाने और युद्धविराम के लिए सहमत हुए हैं।

दोनों प्रतिनिधिमंडल रविवार को दोहा में दूसरे सत्र के लिए फिर से मिलेंगे। इसके अलावा, CNN-News18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में भी एक बैठक रखी गई है। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष शांति और स्थिरता को मजबूत करने के लिए तंत्र स्थापित करने और युद्धविराम की पुष्टि और उसे बनाए रखने के लिए आने वाले दिनों में बैठकें आयोजित करने पर सहमत हुए हैं।

ये है दोनों पक्षों की प्रमुख मांगे

राजनयिक सूत्रों के अनुसार, दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने बातचीत के दौरान अपनी-अपनी मुख्य मांगे रखीं। पाकिस्तान की तरफ से रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के नेतृत्व में शर्तों के साथ युद्धविराम का विस्तार और खोस्त-उत्तरी वजीरिस्तान कॉरिडोर पर पाकिस्तानी सैन्य काफिलों के लिए सुरक्षित क्षेत्रों का निर्माण किए जाए। वहीं अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब के नेतृत्व में अफगान क्षेत्र के अंदर हवाई हमलों को पूरी तरह रोकना और पाकिस्तानी हिरासत में बंद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) लड़ाकों को सौंपने की मांग की गई।

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