US vs China Tariff War: लंबे समय से मंदी से बाहर निकले के लिए जूझ रही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए मार्च महीना काफी शानदार रहा। अमेरिका से टैरिफ वार के बीच चीन में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी मार्च में एक साल के रिकॉर्ड हाई स्पीड से बढ़ी। आज सोमवार को आधिकारिक आंकड़ो से इसका खुलासा हुआ है। लंबे समय से प्रॉपर्टी सेक्टर में सुस्ती के संकट से जूझ रही और अब अमरीका के साथ बढ़ते कारोबारी तनाव से जूझ रही चीनी अर्थव्यवस्था में भरोसा लौटाने के लिए चीन के अधिकारियों ने पिछले कुछ महीनों से काफी काम किया है जिसके नतीजे पॉजिटिव आए हैं।
50 से थोड़ा ही ऊपर ही पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स
नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (NBS) के मुताबिक इंडस्ट्रियल आउटपुट को मापने वाला पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स मार्च महीने में 50.5 रहा। इसके 50 के ऊपर होने का मतलब ग्रोथ और 50 के नीचे होने का मतलब सिकुड़न है। फरवरी में यह आंकड़ा 50.2 था जोकि एक साल में सबसे अधिक था और अब मार्च में यह और अधिक हो गया। वहीं सर्विसेज सेक्टर की एक्टिविटी को मापने वाला नॉन-मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई भी इस दौरान 50.4 से बढ़कर 50.8 पर पहुंच गया। एनबीएस के एक स्टैटिस्टिकन झाओ किंघे (Zhao Qinghe) के मुताबिक पारंपरिक स्प्रिंग फेस्टिवल ट्रैवल पीरियड के बाद वर्कर्स के काम पर लौटने के साथ-साथ कंपनियों के उत्पादन और ऑपरेटिंग एक्टिविटीज में तेजी आने से मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिला।
पिछले कुछ वर्षों में चीन युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी, सुस्त मांग और प्रॉपर्टी सेक्टर में कर्ज संकट के बने रहने की चुनौतियां से जूझ रहा है। अब आगे की बात करें तो चीन के सामानों पर अमेरिका के हाई टैरिफ से चीन में मैन्युफैक्चरर्स पर दबाव दिखने की आशंका है। पिनपॉइंट एसेट मैनेजमेंट के अध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री Zhiwei Zhang के मुताबिक अमरीकी टैरिफ और आर्थिक मंदी के कारण बाहरी मांग सुस्त हो सकती है, जिसके चलते मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दूसरी तिमाही गिरावट का रिस्क दिख रहा है।