Sheikh Hasina Verdict: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को एक विशेष ट्रिब्यूनल ने मौत की सजा सुनाई है। उन्हें अगस्त 2024 में उनकी सरकार को गिराने वाले छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों पर घातक कार्रवाई का आदेश देने में कथित भूमिका के लिए मानवता के खिलाफ अपराधों (Crimes Against Humanity) का दोषी ठहराया गया है। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि शेख हसीना ने छात्रों के खिलाफ हमलों को उकसाया था।
1400 मौतों की हैं 'मास्टरमाइंड'
ट्रिब्यूनल ने ये फैसला सुनाया कि शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं। यह फैसला छह भागों में विभाजित 453-पृष्ठों के फैसले में विस्तार से बताया गया है। जजों को फैसला सुनाने और कानूनी आधार समझाने में लगभग 40 मिनट लगे। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त आधार थे। हसीना के साथ पूर्व गृह मंत्री असदोज्जमां खान कमल (फरार) और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून (हिरासत में, दोषी ठहराया) को भी मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराया गया।
हसीना पर लगे कई गंभीर आरोप
ट्रिब्यूनल ने कई ऐसे उदाहरणों का हवाला दिया जहां कथित तौर पर शेख हसीना ने छात्रों के खिलाफ हिंसा का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि 14 जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस, में उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों और रजाकारों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी, उसी की वजह से हमलों में तीव्र वृद्धि देखने को मिली। कोर्ट में एक टेलीफोनिक बातचीत का हवाला दिया गया जिसमें हसीना ने एक विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष को 'प्रदर्शनकारियों को फांसी देने' का निर्देश दिया था, जिसका कथित तौर पर पालन किया गया। कोर्ट ने फोरेंसिक परीक्षणों से पुष्टि की कि यह बातचीत असली थी।
हसीना पर हेलीकॉप्टरों को छात्रों पर गोली चलाने का आदेश देने और सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों को यातना देने का निर्देश देने का आरोप लगाया गया। 18 जुलाई को ढाका दक्षिण के मेयर को सशस्त्र नागरिक प्रदर्शनकारियों को मारने का आदेश दिया, और घातक बल का उपयोग करने वाले ड्रोन और हेलीकॉप्टरों की तैनाती को अधिकृत किया।
हसीना के वकीलों ने तर्क दिया कि ड्रोन या हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं किया गया था, लेकिन ट्रिब्यूनल ने बचाव को अविश्वसनीय पाया, यह कहते हुए कि हसीना को मना करने के बावजूद 'सोशल मीडिया पर नफरत भरे भाषण' देती रहीं।
ढाका में तनावपूर्ण है महौल
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री पर यह फैसला एक ऐसे समय में आया है जब ढाका में स्थिति तनावपूर्ण है। अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस की सरकार अस्थिरता से जूझ रही है। हाल के हफ्तों में कच्चे बमों के हमलों की एक श्रृंखला ने नई हिंसा की आशंकाओं को बढ़ाया है। अधिकारियों ने बख्तरबंद वाहन तैनात किए हैं, चेकपॉइंट बनाए हैं और शहर की 34,000-मजबूत पुलिस बल के लगभग आधे हिस्से को ड्यूटी पर लगा दिया है।