अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स समूह की अमेरिका विरोधी नीतियों का साथ देने वाले देशों पर 10 प्रतिशत का एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की धमकी दी है। इस पर चीन ने कहा है कि ब्रिक्स समूह टकराव नहीं चाहता है। ट्रंप की धमकी तब आई, जब ब्रिक्स समूह ने ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में हो रहे 2025 समिट के दौरान ट्रंप का नाम लिए बिना टैरिफ हाइक की निंदा की।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा है, "टैरिफ लगाने को लेकर चीन ने बार-बार अपनी स्थिति स्पष्ट की है कि ट्रेड और टैफिर वॉर में कोई विजेता नहीं है और संरक्षणवाद से आगे बढ़ने का कोई रास्ता नहीं निकलता है।" चीन ने ब्रिक्स समूह को उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया है। माओ ने कहा कि यह खुलेपन, इंक्लूसिविटी और विन-विन सिचुएशन वाले सहयोग की वकालत करता है। यह किसी भी देश के खिलाफ किसी भी तरह के टकराव में शामिल नहीं है और न ही किसी देश को निशाना बनाता है।
6 जुलाई से शुरू हुआ ब्रिक्स समिट 2025, 17वां सालाना समिट है और 7 जुलाई तक चलेगा। ब्रिक्स की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने की थी। इस समूह का पिछले साल विस्तार हुआ और इसमें इंडोनेशिया, ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया। नए सदस्य देशों के अलावा, इस समूह में 10 रणनीतिक साझेदार देश भी शामिल हैं। यह कैटेगरी पिछले साल के शिखर सम्मेलन में बनाई गई थी, जिसमें बेलारूस, क्यूबा और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं।
टैरिफ में बढ़ोतरी विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप नहीं
अमेरिका के राष्ट्रपति पर इनडायरेक्ट तरीके से निशाना साधते हुए ब्रिक्स समूह के घोषणापत्र में टैरिफ में वृद्धि को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गईं। कहा गया कि यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप नहीं है। ऐसे प्रतिबंधों से वैश्विक व्यापार में कमी आने, ग्लोबल सप्लाई चेन में बाधा पैदा होने और अनिश्चितता पैदा होने का खतरा है।
इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में रविवार रात को लिखा, ‘‘ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ने वाले किसी भी देश पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इसमें कोई अपवाद नहीं होगा।’’ अमेरिका सोमवार से विभिन्न देशों को टैरिफ और समझौतों के सिलसिले में लेटर भेजने वाला है। बता दें कि ट्रंप ने कई देशों के लिए 2 अप्रैल 2025 को रेसिप्रोकल टैरिफ घोषित किए थे। इनकी दर काफी हाई थी। इसके बाद 9 अप्रैल को उन्होंने राहत दी और 90 दिन के लिए टैरिफ की दर को 10 प्रतिशत की बेस रेट पर ला दिया। अब यह 90 दिन की मोहलत 9 जुलाई को खत्म हो रही है।