अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक हफ्ते पहले फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल को बेवकूफ कहा था। अचानक 24 जुलाई को वह फेडरल रिजर्व की बिल्डिंग पहुंच गए। उन्होंने पॉवेल के साथ बिल्डिंग में चल रहे मरम्म्त के काम को देखा। उसके बाद कहा कि पॉवेल को पद से हटाने का उनका कोई प्लान नहीं है। पिछले कुछ समय से फेड की इमारत का रिनोवेशन चल रहा है। फेड की दो इमारतों के रेनोवेशन पर 2.5 अरब डॉलर खर्च होंगे।
ट्रंप पॉवेल पर लगातार निशाना साधते रहे हैं
फेड चीफ Jerome Powell के साथ Donald Trump के रिश्ते पिछले कई महीने से अच्छे नहीं रहे हैं। इस साल 20 जनवरी को अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप लगातार पॉवेल पर इंटरेस्ट रेट में कमी करने का दबाव बनाते रहे हैं। उनके कहने के बावजूद पॉवेल के इंटरेस्ट रेट नहीं घटाने पर उनका गुस्सा बढ़ता गया है। पिछले हफ्ते तो उन्होंने पॉवेल को बेवकूफ (numbskull) तक कह दिया। शायद ही पहले कभी किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने फेड चीफ को बेवकूफ कहा होगा।
ट्रंप ने पॉवेल को पद से हटाने की धमकी दी थी
ट्रंप ने इससे पहले कई बार पॉवेल को फेड चीफ के पद से हटाने तक की धमकी दी थी। हालांकि, उनके लिए यह आसान नहीं है। लेकिन, किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के ऐसा व्यवहार की कई लोगों ने आलोचना की थी। बाद में, ट्रंप ने फेड की इमारतों के रेनोवेशन के पॉवेल के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने इस पर खर्च होने वाले 2.5 अरब डॉलर को फिजूलखर्ची बताया था। उनका मानना था कि जब वह सरकार के खर्च में कटौती की कोशिश कर रहे हैं तब पॉवेल को इतना ज्यादा खर्च नहीं करना चाहिए था।
ट्रंप ने कहा कि फेड की बिल्डिंग के रेनोवेशन पर होने वाला खर्च ज्यादा
24 जुलाई को फेड की बिल्डिंग के रेनोवेशन वर्क को देखने के बाद ट्रंप ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, "यह (पॉवेल को हटाना) एक बड़ा कदम होगा और मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत है।" बाद में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth पर उन्होंने एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने फेड की इमारत के रेनोवेशन के बारे में कहा, "यह जैसा है वैसा ठीक है, मुझे उम्मीद है कि यह जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा। इस पर आने वाला खर्च काफी ज्यादा है। लेकिन अच्छी बात यह है कि हमारी इकोनॉमी का प्रदर्शन अच्छा है और हम किसी भी चीज का खर्च उठा सकते हैं।" यह उनके रुख में बड़े बदलाव का संकेत है।
ट्रंप के दबाव के बावूजद पॉवेल ने इंटरेस्ट रेट नहीं घटाया है
ट्रंप का मानना है कि फेड चीफ को इंटरेस्ट रेट में 3 फीसदी या इससे ज्यादा की कमी करनी चाहिए। पॉवेल ने लगातार दबाव के बावजूद 2025 में इंटरेस्ट रेट्स में कमी नहीं की है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पॉवेल इकोनॉमी की स्थिति और इनफ्लेशन के ट्रेंड के आधार पर रेट्स में कमी का फैसला लेंगे। अमेरिकी इकोनॉमी में इम्प्रूवमेंट के संकेत दिखे हैं। हालांकि, टैरिफ को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है। अमेरिका कई देशों से टैरिफ को लेकर डील के लिए बातचीत कर रहा है। इनमें भारत भी शामिल है। ट्रंप ने कहा है कि जिन देशों के साथ 31 जुलाई तक डील नहीं होती है, उन पर 1 अगस्त से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू हो जाएगा।