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Meta में एक बार फिर छंटनी की मार, तिमाही नतीजे से पहले एंप्लॉयीज की छुट्टी का बड़ा फैसला

इस साल की शुरुआत में भी फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) ने कम परफॉरमेंस करने वाले 5 फीसदी के करीब एंप्लॉयीज की छुट्टी कर दी थी। अब एक बार फिर इसमें छंटनी की मार शुरू हुई है। यह छंटनी ऐसे समय में हो रही है, जब यह जल्द ही मार्च तिमाही के नतीजे जारी करने वाली है। जानिए अब की बार कंपनी किन एंप्लॉयीज को बाहर निकाल रही है और क्यों?

अपडेटेड Apr 25, 2025 पर 9:56 AM
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फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) के रियल्टी लैब्स डिवीजन में फिर से छंटनी शुरू हुई है।

फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) के रियल्टी लैब्स डिवीजन में फिर से छंटनी शुरू हुई है। कंपनी का फोकस एफिशिएंसी और फ्यूचर मिक्स्ड रियलटी डेवलपमेंट पर है। इस कटौती का असर ओकुलस स्टूडियोज में काम करने वाले एंप्लॉयीज पर पड़ा। हालांकि कितने एंप्लॉयीज पर पड़ा, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। ओकुलस स्टूडियोज (Oculus Studios) मेटा के क्वेस्ट हेडसेट के लिए वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी गेम बनाने वाली इकाई है। इस छंटनी के बारे में सबसे पहले द वर्ज ने खुलासा किया और बाद में सीएनबीसी ने भी इसकी पुष्टि की।

इस कारण हुई Meta के Oculus Studios में छंटनी

मेटा के प्रवक्ता ने कहा कि ओकुलस स्टूडियोज को बढ़ते ऑडिएंस के लिए फ्चूयर मिक्स्ड रियल्टी एक्सपीरिएंसेज पर और बेहतर तरीके से काम करने में मदद करने के लिए रीस्ट्रक्चरिंग किया जा रहा है। हालांकि इस स्ट्रैटेजी के चलते कई एंप्लॉयीज को जॉब गंवानी पड़ रही है। इससे सुपरनेचुरल फिटनेस ऐप समेत मेटा के अहम वर्चुअल रियल्टी से जुड़ी कोशिशों के डेवलपर्स पर असर पड़ा है। ऑफिशियल सुपरनेचुरल फेसबुक ग्रुप पर छंटनी से जुड़ा नोट पब्लिश हुआ है।


Reality Labs की कैसी है सेहत

इस साल की शुरुआत में भी कंपनी ने कम परफॉरमेंस करने वाले 5 फीसदी के करीब एंप्लॉयीज की छुट्टी कर दी थी। मेटा पर रियलिटी लैब्स में कारोबार को सुव्यवस्थित करने और खर्चों पर लगाम लगाने का दबाव है। इसका एक्सपेरिमेंटल डिवीजन डिवाइसेज और सॉफ्टवेयर के जरिए मेटावर्स तैयार कर रहा है। रियल्टी लैब्स को पिछले साल 2024 की आखिरी तिमाही यानी कि अक्टूबर-दिसंबर 2024 में $497 करोड़ का ऑपरेटिंग लॉस हुआ था और रेवेन्यू $1.1 अरब का था।

मेटा की मार्च तिमाही के नतीजे बुधवार को आने वाले हैं। इन नतीजों में एनालिस्ट्स की नजर खासतौर पर वीआर और एआर को लेकर कंपनी की स्ट्रैटेजी पर रहेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि मेटा की प्रतिद्वंद्वी कंपनियां एपल (Apple) और सैमसंग (Samsung) अपने-अपने तरीके से मिक्स्ड रियल्टी को एक्स्प्लोर कर रही हैं।

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