पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) भी नियुक्त कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईएसआई प्रमुख और एनएसए के रूप में असीम मलिक की दोहरी भूमिका पाकिस्तान की सुरक्षा नीतियों पर उनकी अथॉरिटी को मजबूत करती है। इससे पाकिस्तान ने खुफिया जानकारियों और रणनीतिक निर्णय का जिम्मा एक ही शख्स को सौंप दिया है। मलिक को एनएसए का पदभार अतिरिक्त चार्ज के तौर पर दिया गया जो अप्रैल 2022 से खाली पड़ा था। उनकी नियुक्ति का ऑफिशियल ऑर्डर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है।
सितंबर 2024 में लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की जगह असीम मलिक को आईएसआई का डायरेक्टर जनरल नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय में एक एडजुटेंट जनरल के रूप में कार्यरत थे। असीम मलिक वजीरिस्तान में इन्फैंट्री ब्रिगेड और बलूचिस्तान में इन्फैंट्री डिवीजन का नेतृत्व कर चुके हैं। उन्होंने इस्लामाबाद में नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एनडीयू) में चीफ इंस्ट्रक्टर और क्वेटा के कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में इंस्ट्रक्टर के रूप में भी काम किया है। ARY News की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें Sword of Honour भी मिल चुका है। असीम मलिक ने अमेरिका के फोर्ट लीवेनवर्थ और लंदन में रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज से पढ़ाई की है। उनकी पढ़ाई रणनीतिक और कूटनीतिक संबंधों पर केंद्रित है, जो भारत के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान की सुरक्षा नीतियों को आकार देने में उनकी भूमिका के हिसाब से है।
पाकिस्तान के एनएसए के रूप में क्या होगा काम?
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSE) के रूप में असीम मलिक का फोकस भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों को मैनेज करने पर होगा। वह भी ऐसे समय में जब अप्रैल 2025 में कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम सीमा पर है। असीम मलिक से पाकिस्तान को उम्मीद है कि वह अफगान तालिबान के साथ संबंधों को भी मैनेज करेंगे।