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पाकिस्तानी आतंकियों में 'ऑपरेशन सिंदूर' का खौफ, PoK छोड़ खैबर पख्तूनख्वा में शिफ्ट हुए जैश और हिजबुल मुजाहिदीन के हेडक्वार्टर

Operation Sindoor: पाकिस्तानी आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिद्दीन 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत किए गए सटीक हमलों के बाद खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अपने नए ठिकाने बनाने और सभी को वहीं शिफ्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। ये एरिया भारतीय सीमा से दूर है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 20, 2025 पर 8:12 PM
पाकिस्तानी आतंकियों में 'ऑपरेशन सिंदूर' का खौफ, PoK छोड़ खैबर पख्तूनख्वा में शिफ्ट हुए जैश और हिजबुल मुजाहिदीन के हेडक्वार्टर
Operation Sindoor: आतंकियों ने अपने ठिकानों को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (KPK) में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है

Operation Sindoor News: पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से अपने ठिकानों को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (KPK) में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। रक्षा एवं सैन्य प्रतिष्ठान के सूत्रों ने शुक्रवार (20 सितंबर) को बताया कि इन आतंकी संगठनों को भारतीय हमलों के मद्देनजर अब PoK को अपने लिए असुरक्षित मानते हैं। जबकि अफगान सीमा से सटे होने के कारण वे अपने ठिकाने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शिफ्टकर रहे हैं।

'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने बहावलपुर, मुरीदके, मुजफ्फराबाद और कई अन्य स्थानों पर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। इसमें पाकिस्तानी क्षेत्रों में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

एक सूत्र ने कहा, "सूचनाओं से संकेत मिलता है कि आतंकवादी संगठनों द्वारा यह गतिविधि पाकिस्तान के सरकारी अधिकारियों की पूरी जानकारी और प्रत्यक्ष सहायता से संचालित की जा रही है।" सूत्रों ने हाल ही में पुलिस सुरक्षा में पाकिस्तान के कुछ स्थानों पर जैश-ए-मोहम्मद द्वारा आयोजित सभाओं और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) जैसे राजनीतिक-धार्मिक संगठनों की अप्रत्यक्ष संलिप्तता का भी हवाला दिया।

ये डिटेल्स कई भारतीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए एक डोजियर का हिस्सा हैं। खुफिया जानकारी के अनुसार, आतंकवादी समूहों के कई ठिकाने पीओके में स्थित थे। लेकिन अब भारतीय हवाई और ड्रोन हमलों के कारण उस एरिया को सुरक्षित नहीं माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि यह कदम पाकिस्तान सरकार की प्रत्यक्ष सहायता से किया जा रहा है।

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