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PoK में लॉकडाउन, दो की मौत, सड़क और इंटरनेट बंद, 2000 सैनिक भेजे, प्रदर्शनों को कुचलने में जुटी पाकिस्तान सरकार

PoK Protest: पिछले 24 घंटों में PoK में 'मौलिक अधिकारों के हनन' के मुद्दे पर अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें बाजार, दुकानें और स्थानीय कारोबार पूरी तरह से बंद होने के साथ-साथ यातायात सेवाएं भी ठप्प हो गई हैं। इस्लामाबाद ने इन विरोध प्रदर्शनों का जवाब सैन्य ताकत के साथ दिया है।

अपडेटेड Sep 29, 2025 पर 6:22 PM
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POK में लॉकडाउन, दो की मौत, सड़क और इंटरनेट बंद, 2000 सैनिक भेजे, प्रदर्शनों को कुचलने में जुटी पाकिस्तान सरकार

पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़पों में सोमवार को दो लोग मारे गए और 22 घायल हो गए। NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाक सेना और ISI समर्थित मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के समर्थित हथियार बंद गुंडों को बुनियादी अधिकारों की मांग कर रहे नागरिकों पर गोलीबारी करते देखा गया। पाकिस्तानी समाचार चैनलों की ओर से ऑनलाइन शेयर किए गए हिंसा के वीडियो में सड़कों पर अराजकता की स्थिति साफ दिखाई गई।

एक वीडियो में कुछ लोग हवा में गोलियां चलाते दिख रहे हैं, जबकि कुछ लोग झंडे लहराते और नारे लगाते प्रदर्शनकारियों से घिरी कारों पर चढ़े हुए हैं। दूसरे वीडियो में एक प्रदर्शनकारी मुट्ठी भर चली हुई गोलियां दिखा रहा है।

पिछले 24 घंटों में PoK में 'मौलिक अधिकारों के हनन' के मुद्दे पर अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें बाजार, दुकानें और स्थानीय कारोबार पूरी तरह से बंद होने के साथ-साथ यातायात सेवाएं भी ठप्प हो गई हैं।


प्रदर्शनकारियों की 38 मांगें हैं, जिनमें पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए POK विधानसभा में आरक्षित 12 सीटों को खत्म करना भी शामिल है। स्थानीय लोगों का तर्क है कि इससे प्रतिनिधि शासन व्यवस्था कमजोर होती है।

AAC नेता शौकत नवाज मीर ने कहा, "हमारा अभियान उन मौलिक अधिकारों के लिए है, जो 70 सालों से हमारे लोगों को नहीं दिए गए हैं... या तो अधिकार दिलाएं या लोगों के गुस्से का सामना करें।"

मीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ प्रशासन को एक खौफनाक चेतावनी भी दी।

उन्होंने इस हमले को 'PLAN A' बताया - एक संदेश कि लोगों का धैर्य जवाब दे चुका है और अधिकारी अब सतर्क हो गए हैं। उन्होंने कहा कि AAC के पास बैकअप प्लान और एक कठोर 'PLAN D' भी है।

इस्लामाबाद ने इन विरोध प्रदर्शनों का जवाब सैन्य ताकत के साथ दिया है।

पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट Dawn के अनुसार, भारी हथियारों से लैस गश्ती दल ने POK के कस्बों में फ्लैग मार्च किया है और पड़ोसी पंजाब प्रांत से हजारों सैनिकों को वापस भेज दिया गया है।

सराकर ने पूरे इलाके में सेलुलर, फाइबर इंटरनेट सेवाओं और मोबाइल फोन सर्विस को सस्पेंड कर दिया। सरकार का यह शक्ति प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है, जब JKJAC ने अपने अभियान को तेज कर दिया है और दशकों से चले आ रहे मौलिक अधिकारों के हनन के विरोध में क्षेत्र को बंद करने की कसम खाई है।

सूत्रों ने बताया, "कम्युनिकेशन व्यवस्था पूरी तरह ठप है। पाकिस्तान प्रशासन ने POK में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। सभी Wifi और 2G सर्विस बंद कर दी गई हैं।"

कई गिरफ्तारियों की खबरें भी हैं। सूत्रों ने बताया, "JKAAC के प्रमुख सक्रिय सदस्यों को देर रात घाटी में गिरफ्तार कर लिया गया और उनका अपहरण कर लिया गया।"

सूत्रों ने बताया, "पाकिस्तान ने प्रदर्शनकारियों को कुचलने के लिए पंजाब पुलिस, रेंजर्स और फ्रंटियर कॉन्स्टेबुलरी के 2,000 अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है। POK के सभी जिला मुख्यालयों में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। कश्मीर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कें बंद कर दी गई हैं और हर जगह अचानक चेकिंग की जा रही है।"

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