4% टूट गया Kospi, दक्षिण कोरिया के स्टॉक मार्केट में हाहाकार, सरकार के इस प्रस्ताव पर भागने लगे निवेशक

South Korea Stock Market Crash: दक्षिण कोरिया की सरकार के ऐसा प्रस्ताव पेश किया है जिससे कंपनियों के साथ-साथ निवेशकों को भी झटका लगेगा। इसके चलते वहां का इक्विटी मार्केट इंडेक्स कोस्पी (Kospi) 4% टूट गया। जानिए क्या है इस प्रस्ताव में जिसके चलते निवेशक धड़ाधड़ शेयर बेचने लगे और सरकार यह प्रस्ताव क्यों लेकर आई है?

अपडेटेड Aug 01, 2025 पर 12:29 PM
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South Korea Stock Market Crash: दक्षिण कोरिया की सरकार ने कॉरपोरशंस और स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने वाले निवेशकों पर अधिक टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा तो शेयर मार्केट में बिकवाली की आंधी चलने लगी।

South Korea Stock Market Crash: दक्षिण कोरिया की सरकार ने कॉरपोरशंस और स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने वाले निवेशकों पर अधिक टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा तो शेयर मार्केट में बिकवाली की आंधी चलने लगी। दक्षिण कोरियाई सरकार ने जो प्रस्ताव पेश किया है, उसका मुख्य उद्देश्य रेवेन्यू बढ़ाना है। हालांकि इसके चलते स्टॉक मार्केट में कोहराम मच गया और इसमें जो गिरावट आई, वह अप्रैल के बाद से सबसे अधिक है। इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स कोस्पी (Kospi) 4% से अधिक फिसल गया जो एशियाई मार्केट में आज सबसे अधिक गिरावट है। फिलहाल कोस्पी 4.04% की गिरावट के साथ 3,119.41 पर है जबकि इंट्रा-डे में यह 3,117.92 तक आया था। एसके हाइनिक्स (SK Hynix) और Hanwha Aerospace में सबसे अधिक बिकवाली रही।

क्या है दक्षिण कोरियाई सरकार का प्रस्ताव?

दक्षिण कोरियाई सरकार ने स्टॉक होल्डिंग्स पर कैपिटल गेन्स की थ्रेसहोल्ड लिमिट को 500 करोड़ वॉन (₹31.17 करोड़) से घटाकर 100 करोड़ वॉन (₹6.23 करोड़) करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा स्टॉक ट्रांजैक्शन टैक्स को 0.15% से बढ़ाकर 0.2% करने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्रालय ने यह प्रस्ताव आज गुरुवार को जारी किया है। इसमें टॉप कॉरपोरेट टैक्स को भी 24% से बढ़ाकर 25% करने का प्रस्ताव रखा गया है। कॉरपोरेट टैक्स के हर ब्रेकेट में रेट को 1 पर्सेंटेज प्वाइंट बढ़ाने का प्रस्ताव है।


प्रस्ताव से क्यों हैं निवेशक परेशान?

दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में टाइमफोलियो इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट के जनरल मैनेजर नाम्हो किम का कहना है कि निवेशकों को सबसे अधिक दिक्कत कैपिटल गेन्स टैक्स की थ्रेसहोल्ड सीमा घटाए जाने से है क्योंकि ऐसा करने पर टैक्स की सीमा में आने वाले निवेशकों की संख्या बढ़ जाएगी। इसी के चलते नियम निवेशक धड़ाधड़ शेयर बेचने लगे। थ्रेसहोल्ड सीमा का मतलब है कि इस सीमा से कम ही कैपिटल गेन्स पर टैक्स नहीं लगेगा तो इसके नीचे आने का मतलब है कि अब कम ही मुनाफा टैक्स-फ्री रहेगा।

भारतीय स्टॉक मार्केट की क्या है स्थिति?

अमेरिकी टैरिफ के चलते दुनिया भर के स्टॉक मार्केट में कोहराम मचा हुआ है। भारतीय स्टॉक मार्केट की बात करें तो यह भी इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्सेज सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) पर दबाव दिख रहा है। अधिकतर सेक्टर के निफ्टी इंडेक्स भी औंधे मुंह गिरे पड़े हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ और पेनल्टी लगाने का ऐलान किया है। पहले यह 1 अगस्त से ही लागू होना था लेकिन अब इसे आगे खिसकाकर 7 अगस्त कर दिया गया है। मूल रूप से ट्रंप ने अप्रैल में ही टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया था लेकिन फिर 3 महीने तक ट्रेड डील के लिए समय दिया था लेकिन फिर डेडलाइन को आगे खिसकाकर ट्रेड डील के लिए जुलाई भर तक का समय दे दिया गया था।

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Jeevan Deep Vishawakarma

Jeevan Deep Vishawakarma

First Published: Aug 01, 2025 12:25 PM

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