अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर और गहरा गया है। दोनों देशों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से चीन पर 9 अप्रैल से टैरिफ बढ़ाकर 104 प्रतिशत किए जाने के बाद अब चीन ने 10 अप्रैल से अमेरिका से आने वाले सभी सामानों पर 34 प्रतिशत के बजाय 84 प्रतिशत का टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।
बता दें कि ट्रंप ने 2 अप्रैल को की गई घोषणाओं के तहत चीन पर 34 प्रतिशत का नया रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया। यह इस साल पहले लगाए जा चुके 20 प्रतिशत टैरिफ के अलावा है। इस तरह चीन पर नए अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ का आंकड़ा 54 प्रतिशत हो गया था। इसके बाद जवाबी एक्शन के तहत चीन ने कहा कि वह 10 अप्रैल से अपने यहां आने वाले सभी अमेरिकी सामानों पर 34 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा।
चीन ने जवाबी एक्शन के तहत अमेरिका को दुर्लभ मीडियम और हैवी मैटेलिक एलिमेंट्स के एक्सपोर्ट पर 4 अप्रैल से नियंत्रण की भी घोषणा की थी। इन एलिमेंट्स में समारियम, गैडोलीनियम, टेरबियम, डिस्प्रोसियम, ल्यूटेटियम, स्कैंडियम और यिट्रियम शामिल हैं। ये सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल और मिलिट्री इक्विपमेंट बनाने के लिए जरूरी एलिमेंट्स हैं। इसके अलावा चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि वह 16 अमेरिकी एंटिटीज को अपनी एक्सपोर्ट कंट्रोल लिस्ट में शामिल कर रहा है। साथ ही 11 अमेरिकी कंपनियों को चीन की 'अनरिलायबल एंटिटी' लिस्ट में रखा गया है, यानि इन्हें 'गैरभरोसेमंद' करार दिया गया है।
ट्रंप ने पीछे हटने के लिए चीन को 8 अप्रैल तक का दिया था वक्त
चीन के इस एक्शन पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप ने 7 अप्रैल को चीन को धमकी दी कि अगर वह अपने जवाबी टैरिफ हटाने की घोषणा नहीं करता है तो अमेरिका, 9 अप्रैल से चीन पर और 50 प्रतिशत के नए टैरिफ लगा देगा। इसके लिए ट्रंप ने चीन को एक दिन यानि 8 अप्रैल तक का वक्त दिया था। इसके बाद अमेरिका की ओर से चीन पर नए टैरिफ का आंकड़ा 104 प्रतिशत हो गया है। ट्रंप के इस नए आदेश पर चीन ने अब अमेरिकी सामानों पर 10 अप्रैल से 84 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ वसूलने की घोषणा की है।