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नए H-1B वीजा पर ट्रंप के $100,000 फीस पर अमेरिकी कारोबारियों ने जताई कड़ी आपत्ति, कहा- हो सकता है बड़ा नुकसान

H-1B Visa: अपनी अपील में उन्होंने लिखा, 'हम प्रशासन से आग्रह करते हैं कि वे H-1B वीजा कार्यक्रम में आवश्यक सुधारों के लिए उद्योग के साथ काम करें, लेकिन शीर्ष प्रतिभाओं को भर्ती करने, प्रशिक्षित करने और बनाए रखने में अमेरिकी नियोक्ताओं के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों को न बढ़ाएं

अपडेटेड Oct 04, 2025 पर 10:52 AM
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व्यापारिक संगठनों के एक गठबंधन ने चेतावनी दी है कि यह नई फीस अमेरिकी अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है

H-1B Visa New Rules: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नए H-1B वीजा आवेदनों के लिए $100,000 की भारी-भरकम नई फीस लागू करने के फैसले पर अमेरिका के कारोबारी समूहों ने कड़ी आपत्ति जताई है। व्यापारिक संगठनों के एक गठबंधन ने चेतावनी दी है कि यह नई फीस अमेरिकी अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने प्रशासन से नियमों में ऐसे बदलावों से बचने का आग्रह किया है जो कंपनियों पर एक्सट्रा बोझ डालते हों।

कारोबारी समूहों की चिंता जताते हुए किया विरोध

अमेरिकी चिप निर्माताओं, सॉफ्टवेयर कंपनियों और रिटेल विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग एक दर्जन उद्योग संगठनों ने शुक्रवार को ट्रंप को एक पत्र भेजा। पत्र में कहा गया है कि यह नई फीस विदेशी कुशल श्रमिकों की प्रतिभा की महत्वपूर्ण पाइपलाइन को बाधित करने की धमकी देती है और इससे कई महत्वपूर्ण नौकरियां खाली रह सकती है। अपनी अपील में उन्होंने लिखा, 'हम प्रशासन से आग्रह करते हैं कि वे H-1B वीजा कार्यक्रम में आवश्यक सुधारों के लिए उद्योग के साथ काम करें, लेकिन शीर्ष प्रतिभाओं को भर्ती करने, प्रशिक्षित करने और बनाए रखने में अमेरिकी नियोक्ताओं के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों को न बढ़ाएं।'


इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में बिजनेस सॉफ्टवेयर अलायंस, सेमीकंडक्टर उद्योग की SEMI, नेशनल रिटेल फेडरेशन और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री काउंसिल जैसे दिग्गज संगठन शामिल थे।

बढ़ती लागत और कर्मचारियों का पलायन

यह विरोध अमेरिकी नीति पर कारोबार जगत की तरफ से एक सार्वजनिक आपत्ति है। दरअसल ट्रंप ने पिछले महीने व्हाइट हाउस में H-1B परिवर्तनों की घोषणा करते हुए कहा था कि $100,000 की फीस कुशल श्रमिक कार्यक्रम के दुरुपयोग को रोकने का एक तरीका है, और यह अमेरिकी कंपनियों को नौकरियों के लिए घरेलू प्रतिभाओं की ओर रुख करने के लिए प्रेरित करेगी। नई H-1B फीस से प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और वित्त से लेकर उद्योगों की एक विस्तृत श्रृंखला पर भारी वित्तीय मार पड़ने का खतरा है।

माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और वॉलमार्ट जैसी कंपनियां वर्षों से अपनी रैंक को मजबूत करने के लिए इस कुशल श्रमिक कार्यक्रम पर निर्भर रही हैं, और कार्यक्रम में बदलाव से उनकी प्रतिभा की आपूर्ति-श्रृंखला खतरे में पड़ जाएगी।

वीजा का दुरुपयोग होगा बंद: व्हाइट हाउस का बचाव

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने नई H-1B नीति का बचाव करते हुए कहा कि यह अमेरिकी कंपनियों को शीर्ष प्रतिभा तक पहुंचने में मदद करेगी, साथ ही 'बुरे तत्वों द्वारा धोखाधड़ी वाली प्रथाओं' से होने वाले नुकसान को कम करेगी। उन्होंने कहा, 'वीजा का व्यापक दुरुपयोग न केवल अमेरिकी श्रमिकों को कमजोर करता है, बल्कि उन कंपनियों को भी कमजोर करता है जिन्हें प्रथम श्रेणी की प्रतिभा को भर्ती करने की आवश्यकता होती है।'

नर्सिंग एजेंसी ने किया मुकदमा

ट्रंप के H-1B वीजा परिवर्तनों को बीते शुक्रवार को बड़ी कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ा। एक नर्स-स्टाफिंग एजेंसी और कई यूनियनों ने इस फीस को रोकने के लिए संघीय अदालत में प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों के लिए, H-1B कार्यक्रम स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टरों को भर्ती करने में महत्वपूर्ण है। हालांकि, प्रशासन ने कहा था कि डॉक्टर नई फीस से छूट के लिए योग्य हो सकते हैं।

उद्योग समूहों ने अपने पत्र में जोर दिया कि उनका प्रतिनिधित्व करने वाले प्रत्येक उद्योग H-1B कार्यक्रम को बदलने के लिए प्रशासन के साथ काम करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे नहीं चाहते कि नई फीस अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाए।

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