Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने के लिए ईयू का सहारा ले रहे हैं। ईयू (यूरोपीय यूनियन) के अधिकारियों से उन्होंने चीन पर 100% तक का टैरिफ लगाने का आग्रह किया है। न्यूज एजेंसी रायटर्स ने यह खुलासा एक अमेरिकी अधिकारी और एक ईयू डिप्लोमैट के हवाले से दी है। इसके अलावा ट्रंप ने ईयू से आग्रह किया है कि वह भारत के सामानों पर भी इतने भारी-भरकम टैरिफ लगाए। बता दें कि चीन और भारत, दोनों ही रूस के तेल के अहम खरीदार हैं और वर्ष 2022 की शुरुआत में शुरू हुई यूक्रेन से लड़ाई के बाद रूस की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में इनकी अहम भूमिका है।
Trump Tariffs: बदलेगी ईयू की रणनीति?
ईयू के सैंक्शंस मामलों के प्रतिविधि डेविड ओ सुलिवन (David O'Sullivan) समेत ईयू के और ऑफिशियल्स के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल पर ट्रंप ने आग्रह किया कि वह चीन और भारत पर 100% तक का टैरिफ लगाएं। ईयू का एक दल इस समय प्रतिबंधों पर बातचीत को लेकर अमेरिका में है। ईयू डिप्लोमैट के मुताबिक अमेरिका ने संकेत दिया है कि यदि यूरोपीय संघ (ईयू) उनके आग्रह को मानता है तो अमेरिका भी समान टैरिफ लगाएगा। डिप्लोमैट के मुताबिक वे मूल रूप से कह रहे हैं, हम यह करेंगे, लेकिन आपको हमारे साथ करना होगा। अगर यूरोपीय संघ ट्रंप के अनुरोध को मानता है, तो यह उसकी रणनीति में बदलाव होगा, क्योंकि अब तक ईयू ने रूस को टैरिफ की बजाय प्रतिबंधों के जरिए अलग-थलग करने की नीति अपनाई है।
रूस से तेल की खरीदारी के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगा चुके हैं जिसके चलते भारतीय सामानों की अमेरिका में एंट्री पर 50% का टैरिफ हो गया है। अब ईयू के जरिए ट्रंप ने रूस पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है। ट्रंप का आरोप है कि यूरोपीय यूनियन खुद अभी तक रूस से पूरी तरह अलग नहीं हुआ है जिसने पिछले साल ईयू के गैस आयात का करीब 19% सप्लाई किया था। हालांकि ईयू का कहना है कि यह रूस के गैस पर निर्भरता को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत की बात करें तो अमेरिका पहले ही भारत पर 50% का टैरिफ लगा चुका है। हाल ही में भारत की चीन और रूस के साथ नजदीकियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को परेशान कर दिया। अब मंगलवार को ट्रंप ने संकेत दिया कि भारत के साथ अमेरिका कारोबार बढ़ा सकता है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए संकेत दिया कि भारत और अमेरिका कारोबारी दिक्कतों को दूर करने पर काम कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह पीएम मोदी से बातचीत करने के लिए काफी उत्सुक हैं।