US Sanctions: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिन भारत को बड़ा झटका देते हुए 25% के टैरिफ के साथ पेनल्टी लगाने का ऐलान किया। अब अमेरिका ने ईरान से पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के व्यापार में शामिल होने के आरोप में छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत की कंपनियों पर यह कार्रवाई दुनिया भर की 20 कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध के हिस्से के तहत हुई है। अमेरिका का यह कदम तेहरान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लगातार प्रयासों के तहत उठाया गया है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को इन प्रतिबंधों की घोषणा की। विभाग का आरोप है कि इन भारतीय कंपनियों ने जानबूझकर ईरानी पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद और मार्केटिंग से संबंधित 'महत्वपूर्ण लेनदेन' किए, जिन्हें अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन माना जाता है।
क्या है प्रतिबंधों के पीछे की असली वजह?
विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि ईरानी शासन 'विदेश में आतंकवाद का समर्थन करने के साथ-साथ अपने ही लोगों को दबाने के लिए' इन राजस्व का उपयोग करता है। बयान में आगे कहा गया, 'आज, संयुक्त राज्य अमेरिका उस राजस्व के प्रवाह को रोकने के लिए कार्रवाई कर रहा है जिसका उपयोग यह शासन विदेशों में आतंकवाद का समर्थन करने और अपने ही लोगों पर अत्याचार करने के लिए करता है।'
इन 20 संस्थाओं और 10 जहाजों को, जिन्हें ब्लॉक्ड संपत्ति के रूप में पहचाना गया है उन पर कार्यकारी आदेश 13846 के तहत प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश 2015 के परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बाद ईरान के ऊर्जा क्षेत्र के खिलाफ प्रतिबंधों की एक श्रृंखला को फिर से लागू करता है।
प्रतिबंधित भारतीय कंपनियों की सूची