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कौन हैं पूर्व CJI सुशीला कार्की? Gen-Z ने की नेपाल सरकार की अंतरिम प्रमुख बनाने की मांग

Nepal Protest: Gen-Z की बैठक में प्रदर्शनकारियों ने देश का नेतृत्व करने के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को चुना। इस दौरान सेना हालात पर नियंत्रण बनाए हुए है और कई सिविलियन नेता छिपे हुए हैं। यह फैसला भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हुए बड़े प्रदर्शनों के बाद लिया गया, जो हिंसक झड़पों में बदल गए थे

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 10, 2025 पर 6:56 PM
कौन हैं पूर्व CJI सुशीला कार्की? Gen-Z ने की नेपाल सरकार की अंतरिम प्रमुख बनाने की मांग
Nepal Protest: कौन हैं पूर्व CJI सुशीला कार्की? Gen-Z ने की नेपाल सरकार की अंतरिम प्रमुख बनाने की मांग

नेपाल के बुधवार सुबह Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक उथल-पुथल से देश को निकालने के लिए किसी बुज़ुर्ग और अनुभवी नेता की ओर रुख किया। खबरहब के मुताबिक, जब प्रदर्शनकारी अपना एजेंडा तय करने के लिए Zoom मीटिंग कर रहे थे, तो कई लोगों ने अपनी DP पर एनीमेट अवतार लगाए या अपनी डीपी खाली छोड़ दी। यह ऑनलाइन युवा समुदायों की आम शैली है और आंदोलन की पहचान को भी दर्शाता है। इस बैठक में प्रदर्शनकारियों ने देश का नेतृत्व करने के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को चुना।

इस दौरान सेना हालात पर नियंत्रण बनाए हुए है और कई सिविलियन नेता छिपे हुए हैं। यह फैसला भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हुए बड़े प्रदर्शनों के बाद लिया गया, जो हिंसक झड़पों में बदल गए थे।

नेपाल की जनता सुशीला कार्की को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाली नेता मानती है। उन्होंने कई अहम मामलों और फैसलों की सुनवाई की है। उनका एक ऐतिहासिक फैसला महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने वाला था, जिसमें उन्होंने आदेश दिया कि नेपाली महिलाएं भी अपने बच्चों को नागरिकता दे सकती हैं। पहले यह अधिकार सिर्फ पुरुषों को ही था।

हरी फुयाल, जो वरिष्ठ वकील हैं और कार्की के छात्र रह चुके हैं, उन्होंने 2016 में थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन से कहा था कि कार्की का मानना है कि योग्य महिलाओं को नेतृत्व की भूमिकाओं में होना चाहिए, क्योंकि यही महिलाओं की सशक्तिकरण की असली राह है।

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