Signature Global IPO Listing: रीयल एस्टेट डेवलपर सिग्नेचर ग्लोबल (Signature Global) के शेयरों की आज स्टॉक मार्केट में एंट्री हो गई है। पहले इसके शेयरों की लिस्टिंग 4 अक्टूबर को होनी थी लेकिन सेबी के नए नियमों के तहत यह और पहले ही लिस्ट हो गया। आईपीओ निवेशकों को इसके शेयर 385 रुपये के भाव पर जारी हुए हैं। आज बीएसई पर इसकी 445 रुपये पर एंट्री हुई यानी कि आईपीओ निवेशकों को 15.58 फीसदी लिस्टिंग गेन (Signature Global Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद भी शेयरों की तेजी नहीं थमी है और दिन के आखिरी में 458.40 रुपये के भाव (Signature Global Share Price) पर बंद हुआ यानी कि आईपीओ निवेशक करीब 19 फीसदी मुनाफे में हैं।
Signature Global IPO को कैसा रिस्पांस मिला था
सिग्नेचर ग्लोबल का 730 करोड़ रुपये का आईपीओ 20-22 सितंबर तक खुला था। यह आईपीओ ओवरऑल 12.50 गुना भरा था। इसमें क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का हिस्सा 13.37 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 14.24 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 7.17 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इश्यू के तहत 603 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं और ऑफर फॉर सेल के तहत इंटरनेशनल फाइनेंस ने 127 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की है।
नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से 432 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में होगा। बाकी के पैसों का इस्तेमाल जमीन की खरीदारी के जरिए इनऑर्गेनिक ग्रोथ और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा। जून 2023 के आंकड़ों के मुताबिक इस पर 495.26 करोड़ रुपये और चार सब्सिडियरीज पर 123.86 करोड़ रुपये का कर्ज है।
इस रीयल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी का कारोबार दिल्ली एनसीआर में फैला हुआ है। इसका फोकस मुख्य रूप से कम कीमत वाले और मिड-सेगमेंट के घरों पर है। मार्च 2023 के आंकड़ों के हिसाब से यह 27965 आवासीय और कॉमर्शिय यूनिट्स बेच चुकी है। सेल्स ग्रोथ की बात करें तो वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2023 के बीच यह 42.46 फीसदी की CAGR (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़कर 1690.27 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो इसकी सेहत पिछले वित्त वर्ष बेहतर हुई है। वित्त वर्ष 2020 में इसे 56.57 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। अगले ही वित्त वर्ष घाटा बढ़कर यह 86.28 करोड़ रुपये और फिर वित्त वर्ष 2022 में यह घाटा बढ़कर 115.50 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि पिछले वित्त वर्ष 2023 में स्थिति थोड़ी सुधरी और शुद्ध घाटा घटकर 63.72 करोड़ रुपये पर आ गया।