Sai Silks (Kalamandir) IPO Listing: ऑफलाइन और ऑनलाइन कपड़े बेचने वाली साई सिल्क्स (कालामंदिर) के शेयरों की आज स्टॉक मार्केट में एंट्री हो गई है। पहले इसके शेयरों की लिस्टिंग 4 अक्टूबर को होनी थी लेकिन सेबी के नए नियमों के तहत यह और पहले ही लिस्ट हो गया। इस आईपीओ को लेकर खुदरा निवेशक क्रेजी नहीं दिखे थे और उनका हिस्सा पूरी तरह भर भी नहीं पाया था। आईपीओ निवेशकों को इसके शेयर 222 रुपये के भाव पर जारी हुए हैं। आज बीएसई पर इसकी 230.10 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को महज 3.65 फीसदी लिस्टिंग गेन (Sai Silks Kalamandir Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर ऊपर चढ़े और दिन के आखिरी में 244.85 रुपये के भाव (Sai Silks Kalamandir Share Price) पर बंद हुए हैं यानी कि आईपीओ निवेशक 10 फीसदी मुनाफे में हैं।
Sai Silks (Kalamandir) IPO का नहीं भरा खुदरा निवेशकों का हिस्सा
साई सिल्क्स (कालामंदिर) का 1201 करोड़ रुपये का आईपीओ 20-22 सितंबर तक खुला था। इस आईपीओ को लेकर खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी कम दिखी और उनके लिए आरक्षित हिस्सा पूरा नहीं भर पाया था। इस इश्यू में खुदरा निवेशकों का हिस्सा 0.91 गुना, क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (QIB) का हिस्सा 12.17 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 2.54 गुना भरा था। ओवरऑल यह इश्यू 4.47 गुना सब्सक्राइब हुआ।
साई सिल्क्स के आईपीओ के तहत 2 रुपये की फेस वैल्यू वाले 600 करोड़ रुपये के 2,70,27,027 नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 601 करोड़ रुपये के 2,70,72,000 करोड़ शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बिक्री हुई है। नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल 25 नए स्टोर और दो वेयरहाउस खोलने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, कर्ज चुकाने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।
करीब 18 साल पुरानी साई सिल्क्स (कालामंदिर) एथनिक कपड़े और वैल्यू-फैशन प्रोडक्ट्स बेचती है। यह ऑफलाइन के साथ-साथ अपनी खुद की वेबसाइट sskl.co.in और बाकी ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस के जरिए भी अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री करती है। जुलाई 2023 तक के आंकड़ों के हिसाब से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में 54 से अधिक स्टोर्स हैं।
अब कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो इसकी वित्तीय सेहत में पिछले तीन वित्त वर्षों में तेजी से सुधरी है। वित्त वर्ष 2020 में इसे 42.10 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले ही वित्त वर्ष गिरकर 5.13 करोड़ रुपये पर आ गया। हालांकि फिर स्थिति सुधरी और वित्त वर्ष वर्ष 2022 में यह बढ़कर 57.69 करोड़ रुपये, फिर वित्त वर्ष 2023 में 97.59 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।