Iran-Israel War: कच्चे तेल में फिर लगी आग, इराक के रास्ते इजराइल पर हमला करेगा ईरान?

Iran-Israel War: इजराइल ने कुछ दिनों पहले ईरान पर हमला किया था लेकिन इसके तेल के ठिकाने और न्यूक्लियर ठिकाने पर कोई आंच नहीं आई। इसके अलावा एनर्जी सप्लाई पर भी कोई असर नहीं पड़ा तो कच्चे तेल के भाव नरम पड़ने लगे। हालांकि अब ईरान के जवाबी हमले की आहट पर कच्चे तेल में फिर उबाल दिख रहा है

अपडेटेड Nov 01, 2024 पर 12:20 PM
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सिडनी के आईजी मार्केट एनालिस्ट टोनी सिकामोर का कहना है कि मिडिल ईस्ट में स्थिति कैसी है, इससे तो कच्चे तेल की चाल तय होगी ही, इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में कौन जीतता है, यह भी कच्चे तेल की चाल तय करेगा।

Iran-Israel War: मिडिल ईस्ट में एक बार जंगी माहौल के उबाल ने कच्चे तेल के भाव में आग लगा दी। इस हफ्ते कच्चे तेल में जितनी गिरावट आई थी, उतना ही यह फिर चढ़ गया। इसके भाव शुक्रवार को एक डॉलर प्रति डॉलर बढ़ गया। यह तेजी उन रिपोर्ट्स के चलते आई है जिसमें दावा गया है कि ईराक से इजराइल पर जवाबी हमले के लिए ईरान तैयारी कर रहा है। इन रिपोर्ट्स पर जनवरी कॉन्ट्रैक्ट के ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 1.31 डॉलर यानी 1.80 फीसदी उछलकर प्रति बैर 74.12 डॉलर पर पहुंच गए। वहीं अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड फ्यूचर्स 1.35 डॉलर यानी 1.95 फीसदी उछलकर 70.61 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

5 नवंबर के पहले हो सकता है हमला

Axios की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल के इंटेलिजेंस को आशंका है कि इराक की जमीन से आने वाले दिनों में इजराल पर जवाबी हमले के लिए ईरान तैयारी कर रहा है। यह हमला 5 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक इराक की जमीन से इजराइल पर बड़ी संख्या में ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल छोड़े जाएंगे।


OPEC+ के उत्पादन बढ़ाने में देरी से भी चढ़ रहे भाव

तेल की कीमतों को इस आशंका से भी सपोर्ट मिल रहा है कि तेल उत्पादक देशों का संगठन ओपेक+ तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी का फैसला और आगे खिसका सकता है। पहले दिसंबर में उत्पादन बढ़ाने की बात थी। बुधवार को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी थी कि तेल की मांग में नरमी और बढ़ते सप्लाई के चलते ही उत्पादन बढ़ाने की मियाद आगे खिसक सकती है। इस पर आधिकारिक रूप से फैसला जल्द से जल्द बात करें तो अगले हफ्ते तक आ सकता है।

किन बातों से तय होगी क्रूड की चाल

सिडनी के आईजी मार्केट एनालिस्ट टोनी सिकामोर का कहना है कि मिडिल ईस्ट में स्थिति कैसी है, इससे तो कच्चे तेल की चाल तय होगी ही, इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में कौन जीतता है, यह भी कच्चे तेल की चाल तय करेगा। टोनी के मुताबिक अमेरिका के साथ-साथ दुनिया के सबसे तेल उपभोक्ता चीन की राजकोषीय नीतियां भी तेल की चाल तय करेंगी।

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