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Agriculture Tips: इस खास तकनीक से चने की खेती करना हुआ आसान, कम लागत में होगी जमकर कमाई

Agriculture Tips: मध्य प्रदेश, खासकर विंध्य क्षेत्र, चने की खेती के लिए अनुकूल है। सीधी जिले के किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर जैविक तरीका अपना रहे हैं। बीजामृत और जीवामृत जैसे प्राकृतिक उपायों से पैदावार बढ़ रही है और लागत घट रही है। कम मेहनत में ज्यादा उत्पादन मिलने से किसान खुश हैं और आय बढ़ रही है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 16, 2025 पर 3:03 PM
Agriculture Tips: इस खास तकनीक से चने की खेती करना हुआ आसान,  कम लागत में होगी जमकर कमाई
Agriculture Tips: किसानों का कहना है कि बीजामृत और जीवामृत दोनों का इस्तेमाल फसल की मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है।

मध्य प्रदेश देश में चने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य माना जाता है, और खासकर विंध्य क्षेत्र की मिट्टी व जलवायु इस फसल के लिए बेहद अनुकूल हैं। सीधी जिले के किसान अब पारंपरिक खेती की बजाय जैविक खेती को अपनाने लगे हैं, जिससे उन्हें कम लागत में अधिक उत्पादन मिलने लगा है। कृषि वैज्ञानिकों की ट्रेनिंग और मार्गदर्शन का असर भी दिखाई दे रहा है, क्योंकि किसान अब बीजामृत और जीवामृत जैसे प्राकृतिक जैविक उपायों का उपयोग कर रहे हैं। इससे बीज रोगमुक्त होते हैं, जल्दी अंकुरित होते हैं और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। खेती के खर्च में कमी आई है, जबकि पैदावार पहले से कहीं ज्यादा हो रही है।

इसके अलावा, गहरी जुताई, समय पर सिंचाई और संतुलित प्राकृतिक खाद का प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ रही है। जैविक तकनीक अपनाकर विंध्य क्षेत्र के किसान अब कम मेहनत में अधिक लाभ कमा रहे हैं।

बीजामृत

वरिष्ठ कृषि अधिकारी संजय सिंह के लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि, बीजामृत चने की बुवाई के लिए सबसे प्रभावी जैविक विकल्प है। ये बीजों को रोगमुक्त करता है, जल्दी अंकुरण में मदद करता है और पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। बुवाई से 24 घंटे पहले बीजामृत तैयार करना जरूरी है।

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