Shani transit: ज्योतिष में ग्रहों का राशि या नक्षत्र परिवर्तन सामान्य घटना है, क्योंकि समय-समय पर ऐसा होता रहता है। इस सामान्य घटना का असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है। एक ग्रह जब किसी एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है, तो उसका शुभ-अशुभ प्रभाव सभी राशियों और उसके जातकों पर देखने को मिलता है। गोचर अगर ग्रहों के न्यायाधीश कहे जाने वाले शनिग्रह का हो, तो ये और भी खास हो जाता है। न्याय और कर्म के कारक शनिदेव को सौर मंडल के सबसे पावरफुल ग्रह के तौर पर जाना जाता है। ये सबसे धीमी चाल से चलने वाले ग्रह हैं और 30 साल में राशि चक्र का एक चक्र पूजा करते हैं। शनि को एक नक्षत्र में वापस लौटने में लगभग 27 साल का समय लगता है। ज्योतिष गणना के अनुसार शनि ग्रह का नक्षत्र परिवर्तन होने वाला है। यह ग्रह आज यानी 3 अक्टूबर की रात को देवगुरु बृहस्पति के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।