हो सकता है कि देश में छोटी कारों को फ्यूल एफिशिएंसी के नियमों में ढील मिल जाए। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में इंडस्ट्री और सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार ऐसे कदम पर विचार कर रही है। दरअसल मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki India) की ओर से उठाई गई मांग के बाद इस तरह की संभावना देखी जा रही है। SUV की बढ़ती मांग के चलते छोटी कारों की बिक्री में गिरावट आई है और इनका अस्तित्व बचाने के लिए कदम उठाना वक्त की मांग बनता जा रहा है।
