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Budget 2025: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से टैक्सपेयर्स की हैं ये 5 सबसे बड़ी उम्मीदें, पूरी हुईं तो आपको होगा कितना फायदा?

माना जा रहा है कि कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स में कमी करेंगी। खासकर वह 15-20 लाख सालाना इनकम वाले लोगों को टैक्स में राहत दे सकती हैं। इकोनॉमिस्ट्स का मानना है कि मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ घटने से उनके हाथों में खर्च के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे

अपडेटेड Jan 27, 2025 पर 10:30 AM
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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बेसिक टैक्स एग्जेम्प्शन की लिमिट बढ़ाने का ऐलान कर सकती हैं।

इनकम टैक्सपेयर्स को यूनियन बजट 2025 से अपनी उम्मीदें पूरी होने का भरोसा है। इसकी वजह यह है कि इकोनॉमिस्ट्स और इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने सरकार को कंजम्प्शन बढ़ाने की सलाह दी है। माना जा रहा है कि कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स में कमी करेंगी। खासकर वह 15-20 लाख सालाना इनकम वाले लोगों को टैक्स में राहत दे सकती हैं। इकोनॉमिस्ट्स का मानना है कि मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ घटने से उनके हाथों में खर्च के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। इससे इकोनॉमी में कंजम्पशन बढ़ेगा। टैक्सपेयर्स को वित्तमंत्री से 5 सबसे बड़ी उम्मीदें हैं।

1. बेसिक टैक्स एग्जेम्प्शन की ज्यादा लिमिट

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बेसिक टैक्स एग्जेम्प्शन की लिमिट बढ़ाने का ऐलान कर सकती हैं। अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में बेसिक टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट 2.5 लाख रुपये है। नई रीजीम में यह सालाना 3 लाख रुपये है। बेसिक टैक्स एग्जेम्प्शन का मतलब है कि जिन लोगों की इनकम इस लिमिट तक या इससे कम होगी, उन्हें कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा। सरकार ने पिछले साल जुलाई में पेश यूनियन बजट में नई रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी थी। लेकिन, उन्होंने ओल्ड रीजीम में बेसिक टैक्स एग्जेम्प्शन में कोई बदलाव नहीं किया था। टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि इस बार बजट में सरकार दोनों ही रीजीम में बेसिक टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करेगी।

2. स्टैंडर्ड डिडक्शन में इजाफा

टैक्सपेयर्स का मानना है कि सरकार यूनियन बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाएगी। अभी इनकम टैक्स की ओल्ड और नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन अलग-अलग है। नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 रुपये है। ओल्ड रीजीम में यह 50,000 रुपये है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को पेश यूनियन बजट में नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया था। लेकिन, उन्होंने ओल्ड रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन में कोई बदलाव नहीं किया था। टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि वित्तमंत्री नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर कम से कम 1 लाख रुपये करेंगी। ओल्ड रीजीम में इसे बढ़ाकर 75,000 रुपये कर सकती हैं। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा सिर्फ नौकरी करने वाले लोगों को मिलता है।


3. सेक्शन 80सी की ज्यादा लिमिट

इनकम टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी की लिमिट बढ़ाएगी। अभी सेक्शन 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक के इनवेस्टमेंट पर डिडक्शन क्लेम करने की इजाजत है। इससे टैक्सपेयर्स की टैक्स लायबिलिटी घट जाती है। सेक्शन 80सी के तहत करीब एक दर्जन इनवेस्टमेंट ऑप्शंस आते हैं। इनमें PPF, EPF, सुकन्या समृद्धि, ELSS, बैंक टैक्स-सेविंग्स एफडी आते हैं। सेक्शन 80सी की लिमिट 2014 के बाद से नहीं बढ़ाई गई है, जबकि इस दौरान रुपये की वैल्यू काफी घटी है। इसलिए सरकार को सेक्शन 80सी की लिमिट बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपये करने का ऐलान बजट में करना चाहिए।

4. NPS में सेक्शन 80CCD(1B) के तहत ज्यादा डिडक्शन

अभी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करने पर सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये का डिडक्शन मिलता है। यह डिडक्शन एंप्लॉयी को एनपीएस अकाउंट में सालाना 1.5 रुपये तक के कंट्रिब्यूशन पर मिलने वाले डिडडक्शन के अतिरिक्त है। एनबीएस सब्सक्राइबर्स को उम्मीद है कि सरकार सेक्शन 80CCD(1B) के तहत मिलने वाले 50,000 रुपये के डिडक्शन को बढ़ाकर कम से कम 1 लाख रुपये यकरने का ऐलान यूनियन बजट में करेगी। इससे एनपीएस में आम लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी।

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5. सेक्शन 80डी की लिमिट बढ़ाई जाए

इलाज करना आज काफी महंगा हो गया है। ऐसे में हेल्थ पॉलिसी खरीदना लोगों की मजबूरी बन गई है। सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर डिडक्शन मिलता है। इससे टैक्सपेयर्स की टैक्स लायबिलिटी कम हो जाती है। अभी 60 साल या इससे कम उम्र के लोगों को हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर 25,000 रुपये डिडक्शन मिलता है। 60 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को प्रीमियम पर 50,000 रुपये तक डिडक्शन मिलता है। पिछले तीन-चार सालों में जिस तरह से हेल्थ पॉलिसी का प्रीमिमय बढ़ा है, उससे इस डिडक्शन को बढ़ाना जरूरी हो गया है। टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए डिडक्शन बढ़ाकर 50,000 रुपये कर सकती हैं। वह 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए डिडक्शन बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर सकती हैं।

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