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Budget 2025: बस कुछ दिनों का इंतजार, 10 लाख तक कमाई वाले लोगों को नहीं चुकाना पड़ेगा टैक्स

अभी नौकरी करने वाले लोगों पर टैक्स चुकाने की ज्यादा जिम्मेदारी है। इसकी वजह है कि एंप्लॉयर सैलरी से हर महीने टैक्स काट लेता है। फिर वह टैक्स का पैसा सरकार के पास जमा करता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि चूंकि नौकरी करने वाले लोग टैक्स चुकाने में सबसे आगे हैं, जिससे उनके लिए टैक्स के नियम आसान होने चाहिए

अपडेटेड Jan 08, 2025 पर 10:05 AM
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अभी हर साल करीब 7 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किए जाते हैं। लेकिन, इनमें टैक्स और खासकर सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा टैक्स चुकाने वाले टैक्सपेयर्स काफी कम हैं।

इनकम टैक्स के बोझ से परेशान लोगों को जल्द राहत मिलने जा रही है। इसका ऐलान 1 फरवरी को होने जा रहा है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट 2025 में इनकम टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देंगी। हालांकि, सरकार का ज्यादा फोकस इनकम टैक्स की नई रीजीम पर होगा। नई रीजीम में टैक्सपेयर्स पर कम टैक्स लगता है, लेकिन ज्यादातर डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है। ओल्ड रीजीम में टैक्स के रेट्स ज्यादा हैं, लेकिन कई तरह के डिडक्शन मिलते हैं।

10 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स

सूत्रों का कहना है कि इस बार बजट (Union Budget 2025) से पहले सरकार ने पहले से ज्यादा चर्चा की है। सरकार ने इकोनॉमिस्ट्स, उद्योग के प्रतिनिधियों, किसान संगठनों सहित अलग-अलग वर्ग के लोगों से बातचीत कर उनकी राय जानने की कोशिश की है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई संगठनों ने भी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को अपनी राय बताई है। सूत्रों का कहना है कि संघ का मानना है कि सालाना 10 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स जीरो कर दिया जाए।


10 लाख तक की इनकम को टैक्स छूट देने के फायदें

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सालाना 10 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को टैक्स से पूरी तरह से छूट देने से एक तीर से कई निशाना लगाया जा सकता है। पहला, इससे लोगों पर टैक्स कंप्लायंस का बोझ नहीं रहेगा। दूसरा, इससे सरकार को कम इनकम वाले लोगों के इनकम टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग से छुटकारा मिल जाएगा। सरकार अपने संसाधनों का इस्तेमाल ज्यादा इनकम वाले लोगों और बिजनेसेज पर फोकस करने के लिए इस्तेमाल कर सकती है।

ज्यादा टैक्स चुकाने वाले लोगों की संख्या काफी कम

अभी हर साल करीब 7 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किए जाते हैं। लेकिन, इनमें टैक्स और खासकर सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा टैक्स चुकाने वाले टैक्सपेयर्स काफी कम हैं। टैक्स-एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सरकार ज्यादा अमाउंट वाले टैक्स के मामलों पर फोकस बढ़ाती है तो उसका रेवेन्यू बढ़ सकता है। खासकर अभी ऐसे कई ऐसे बिजनेसेज हैं, जो टैक्स के दायरे में आने से बचने की पूरी कोशिश करते हैं। ऐसे बिजनेसेज पर सरकार को फोकस बढ़ाने की जरूरत है। इससे सरकार की आमदनी बढ़ सकती है।

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नौकरी करने वाले लोगों के नियम आसान बनाने की जरूरत

अभी नौकरी करने वाले लोगों पर टैक्स चुकाने की ज्यादा जिम्मेदारी है। इसकी वजह है कि एंप्लॉयर सैलरी से हर महीने टैक्स काट लेता है। फिर वह टैक्स का पैसा सरकार के पास जमा करता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि चूंकि नौकरी करने वाले लोग टैक्स चुकाने में सबसे आगे हैं, जिससे उनके लिए टैक्स के नियम आसान होने चाहिए। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि पिछले कुछ सालों में महंगाई तेजी से बढ़ी है। इसलिए नौकरी करने वाले लोगों पर टैक्स का बोझ कम करने की जरूरत है।

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