म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने सरकार को डेट फंडों पर इंडेक्सेशन बेनेफिट शुरू करने की सलाह दी है। इससे डेट फंडो में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ेगी। सरकार ने यूनियन बजट 2023 में डेट म्यूचुअल फंडों के नियमों में बदलाव किया था। सरकार ने डेट फंडों के कैपिटल गेंस के नियमों में बड़ा बदलाव किया था। इंडेक्सेशन बेनेफिट खत्म कर दिया था। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का अनुमान है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को डेट म्यूचुअल फंडों के लिए फिर से इंडेक्सेशन बेनेफिट शुरू कर सकती हैं।
2023 में इंडेक्सेशन खत्म हो गया था
डेट म्यूचुअल फंडों (Debt Mutual Funds) के कैपिटल गेंस (Capital Gains) के नए नियम 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो गए थे। इससे पहले डेट फंडों को तीन साल के बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होता था। लेकिन इनवेस्टर्स को इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलता था। इससे उसकी टैक्स लायबिलिटी कम हो जाती थी। यूनियन बजट 2023 में सरकार ने इंडेक्सेशन बेनेफिट खत्म कर दिया था। हालांकि, सरकार ने यह कहा था कि 31 मार्च, 2023 तक डेट फंडों में किए गए निवेश पर इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलेगा। लेकिन, यूनियन बजट 2024 में इसे भी सरकार ने खत्म कर दिया।
इंडेक्सेशन से कैसे होता है फायदा?
इंडेक्सेशन बेनेफिट से इनवेस्टर्स की टैक्स लायबिलिटी कम हो जाती है। इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए किसी डेट फंड का बीते तीन साल में सालाना रिटर्न 7 फीसदी रहा है। इस दौरान इनफ्लेशन 5.5 फीसदी रहा है। इसका मतलब है कि इनवेस्टर को सिर्फ 1.5 फीसदी का सालाना रिटर्न मिला है। इंडेक्सेशन में कैपिटल गेंस पर इनफ्लेशन के असर का ध्यान रखा जाता है। इससे इनवेस्टर का कैपिटल गेंस घट जाता है। इससे उसकी टैक्स लायबिलिटी भी घट जाती है।
यह भी पढ़ें: Budget 2025: सोचिए आप निर्मला सीतारमण को क्या बताएंगे, 10 जनवरी से आपको मिलेगा मौका
इंडेक्सेशन बेनेफिट दोबारा शुरू करने के फायदें
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कहना है कि अगर सरकार इंडेक्सेशन बेनेफिट को दोबारा शुरू करती है तो इससे डेट फंड के निवेशकों को काफी फायदा हो सकता है। अभी डेट फंडों के कैपिटल गेंस को इनवेस्टर्स की इनकम में जोड़ दिया जाता है। फिर इस पर इनवेस्टर्स की टैक्स स्लैब के हिसाब पर इस पर टैक्स लगता है। इससे जो लोग ज्यादा टैक्स स्लैब में आते हैं तो उन्हें कैपिटल गेंस पर ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ता है। इस वजह से डेट फंडों में निवेशकों की दिलचस्पी घटी है।