Budget 2025: इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम और न्यू रीजीम के स्लैब्स को ठीक तरह से समझ लें, फिर करें फैसला

सरकार इनकम टैक्स की नई रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने की लगातार कोशिश कर रही है। इसके बावजूद कई टैक्सपेयर्स के लिए आज भी ओल्ड रीजीम ज्यादा फायदेमंद हैं। इसकी वजह ऐसे कुछ खास डिडक्शन और एग्जेम्प्शन हैं, जिससे टैक्स का बोझ काफी घट जाता है

अपडेटेड Jan 30, 2025 पर 11:49 AM
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सरकार ने इनकम टैक्स की नई रीजीम की शुरुआत 2020 में की थी।

Budget 2025: यूनियन बजट 2025 पर इनकम टैक्सपेयर्स की करीबी नजरें लगी हैं। इसकी वजह है 1 फरवरी को टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद। कई तरह की चर्चा चल रही है। बताया जा रहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर देंगी। इनकम टैक्स की नई रीजीम में 25 फीसदी टैक्स का नया स्लैब शुरू हो सकता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है। वित्तमंत्री इनकम टैक्स के नियमों में क्या-क्या बदलाव करती हैं, इसका पता 1 फरवरी को चलेगा। आइए जानते हैं अभी पुरानी रीजीम और नई रीजीम में टैक्स के क्या रेट्स हैं और कितने तरह के डिडक्शन मिलते हैं।

सरकार ने इनकम टैक्स की नई रीजीम की शुरुआत 2020 में की थी। तब से सरकार इसे टैक्सपेयर्स के लिए अट्रैक्टिव बनाने की लगातार कोशिश कर रही है। वित्तमंत्री ने 2023 में स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नई रीजीम में भी देने का ऐलान किया था। वित्तमंत्री ने 2024 में नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया। इसका असर पड़ा है। नई रीजीम में टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी बढ़ी है। इसके बावजूद कई टैक्सपेयर्स पुरानी रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उनके लिए फायदेमंद है।

नई रीजीम में टैक्स के रेट्स

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को नई रीजीम के टैक्स स्लैब में बदलाव किया था। सरकार इस रीजीम को टैक्सपेयर्स के लिए आसान बनाना चाहती है। इसमें टैक्स के रेट्स कम हैं। यह उन लोगों को लिए फायदेमंद है, जो किसी तरह का डिडक्शन क्लेम नहीं करना चाहते हैं।


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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम के टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था।

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आपके लिए कौन सी रीजीम फायदेमंद?

फाइनेंस मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक, करीब 72 फीसदी टैक्सपेयर्स ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में नई रीजीम का इस्तेमाल किया था। हालांकि, कई टैक्सपेयर्स के लिए ओल्ड रीजीम अब भी फायदेमंद है। इसमें ऐसे टैक्सपेयर्स आते हैं, जो सेक्शन 80सी, 80डी, 24बी, 10(13ए) के तहत आने वाले डिडक्शन को क्लेम करते हैं।

अगर आपकी सालाना इनकम 15 लाख रुपये से ज्याादा है और अगर आप कम से कम 4.33 लाख रुपये (प्लस ओल्ड रीजीम में 50,0000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन ) का डिडक्शन क्लेम करते हैं तो पुरानी रीजीम में आपका टैक्स कम बनेगा। लेकिन, अगर आप सेक्शन 24बी के तहत मिलने वाला होम लोन के इंटरेस्ट पर 2 लाख रुपये का डिडक्शन और HRA एग्जेम्प्शन क्लेम नहीं करते हैं तो आपके लिए नई रीजीम फायदेमंद है।

क्या HRA काफी ज्यादा मायने रखता है?

एचआरए के तहत मिलने वाले एग्जेम्प्शन की वजह से इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम अट्रैक्टिव हो जाती है। यहां तक कि यह ज्यादा इनकम वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद हो जाती है। इसकाी वजह यह है कि दूसरे डिडक्शन की तरह एचआरए में एग्जेम्प्शन की कोई सीमा तय नहीं है। आपका एचआरए एग्जेम्प्शन कितना होगा, यह आपकी सैलरी पर निर्भर करता है। अभी एक्चुअल HRA, बेसिक सैलरी का 50 फीसदी (नॉन-मेट्रो शहरों में 40 फीसदी) और एक्चुअल रेंट पेड माइनस बेसिक सैलरी का 10 फीसदी, में से जो कम होता है वह लागू होता है।

क्लियरटैक्स के कैलकुलेशन के मुताबिक, अगर आपकी ग्रॉस सैलरी 60 लाख रुपये है और आप 4.22 लाख रुपये का डिडक्शन (प्लस 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन) क्लेम करते हैं तो पुरानी रीजीम में आपका टैक्स कम बनेगा। इसलिए अगर आप 4.5 लाख रुपये (प्लस 50,000 स्टैंडर्ड डिडक्शन) का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं तो पुरानी रीजीम में आपका टैक्स करीब 5,720 रुपये कम बनेगा।

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अगर आप 80सी, 80सीसीडी(1बी) और 80डी के डिडक्शन के अलावा सालाना 12 लाख रुपये के एचआरए एग्जेम्प्शन क्लेम करते हैं तो आपकी टैक्स सेविंग्स बढ़कर 4,77,620 रुपये हो जाएगी। टैक्स की इस बचत के लिए आपको हर इनवेस्टमेंट का रिकॉर्ड रखना होगा। बैंक से होम लोन इंटरेस्ट पेमेंट का सर्टिफिकेट लेना होगा।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Jan 30, 2025 10:06 AM

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