Budget 2025: रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण पर होगा यूनियन बजट का फोकस

रेलवे का फोकस यात्री सुविधाएं बढ़ाने पर भी है। सरकार ने वंदे भारत ट्रेनें शुरू की है। नमो भारत रैपिड रेल चलाई जा रही है। अमृत भारत ट्रेनों के जरिए आम आदमी को बेहतर रेल सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। जल्द कई रूटों पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की सुविधा शुरू हो जाएगी

अपडेटेड Dec 25, 2024 पर 5:43 PM
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सरकार पहले से चल रही पैसेंजर ट्रेनों में एलएचबी कोचों का इस्तेमाल बढ़ा रही हैं। ये कोच सुरक्षा के लिहाज से बेहतर हैं और ज्यादा आरामदेह भी हैं।

सरकार ने रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर फोकस बढ़ाया है। यूनियन बजट 2025 में भी सरकार का फोकस इस पर जारी रहेगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को यूनियन बजट पेश करेंगी। इसमें वह रेलवे के लिए आवंटन बढ़ा सकती हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बढ़ती पैसेंजर डिमांड को देखते हुए सरकार को रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाना होगा। यूनियन बजट में सरकार इसके लिए बड़े ऐलान कर सकती है।

पैसेंजर कोचों का उत्पादन बढ़ाने पर फोकस

सूत्रों का कहना है कि आर्थिक गतिविधियां फिर से कोविड से पहले के स्तर से ज्यादा हो गई हैं। इससे गुड्स और पैसेंजर ट्रैफिक में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है। इसके लिए सरकार पैसेंजर कोचों का उत्पादन बढ़ा रही है। सरकार चेन्नई, राय बरेली और कपूरथला स्थित अपने कोच उत्पादन फैक्ट्री की उत्पादन क्षमता बढ़ा रही है। इसके लिए यूनियन बजट 2025 में सरकार आवंटन बढ़ा सकती है। FY25 में सरकार ने रोलिंग स्टॉक के लिए 54,113 करोड़ रुपये का आवंटन किया था।


वंदे भारत जैसी ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी

रेलवे का फोकस यात्री सुविधाएं बढ़ाने पर भी है। सरकार ने वंदे भारत ट्रेनें शुरू की है। नमो भारत रैपिड रेल चलाई जा रही है। अमृत भारत ट्रेनों के जरिए आम आदमी को बेहतर रेल सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। जल्द कई रूटों पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की सुविधा शुरू हो जाएगी। ये ट्रेनों आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इनमें जीपीएस, वाईफाई, बायोटॉयलेट्स, रियल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम और बेहतर इटीरियर शामिल हैं।

सिर्फ एलएचबी कोचों का उत्पादन

सरकार पहले से चल रही पैसेंजर ट्रेनों में एलएचबी कोचों का इस्तेमाल बढ़ा रही हैं। ये कोच सुरक्षा के लिहाज से बेहतर हैं और ज्यादा आरामदेह भी हैं। अप्रैल 2018 से रेलवे की कोच फैक्ट्री में सिर्फ एलएचबी कोचों का उत्पादन हो रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को न सिर्फ पैसेंजर ट्रेनों में सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है बल्कि स्टेशनों पर भी यात्री सुविधाएं बेहतर बनानी होगी।

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सीनियर सिटीजंंस को टिकट की कीमत में रियायत

पिछले कुछ सालों में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बढ़ाने के अच्छे नतीजे मिले हैं। रेल हादसों की संख्या में कमी आई है। साथ ही पैसेंजर ट्रेनों की औसत रफ्तार बढ़ी है। इससे यात्रा में लगने वाला समय घटा है। लेकिन, इस बीच रेल से सफर करना काफी महंगा हो गया है। सरकार ने सीनियर सिटीजंस को टिकट की कीमत में रियायत भी खत्म कर दी है। उम्मीद है कि यूनियन बजट में सरकार फिर से सीनियर सिटीजंस को टिकट की कीमत में रियायत देने का ऐलान करेगी।

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