सरकार यूनियन बजट 2025 में हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स बेनेफिट बढ़ाने जा रही है। इसका ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को कर सकती हैं। इंश्योरेंस इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को अपनी मांगों के बारे में बताया है। उन्होंने सरकार से कहा है कि अभी हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन काफी कम है। इस वजह से हेल्थ पॉलिसी खरीदने पर टैक्सपेयर्स को प्रीमियम पर पूरा डिडक्शन नहीं मिलता है। उन्होंने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन बढ़ाने की गुजारिश की है।
ओल्ड रीजीम में हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर डिडक्शन मिलता है। लेकिन, यह डिडक्शन सिर्फ इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में मिलता है। इससे टैक्सपेयर का टैक्स घट जाता है। कई टैक्सपेयर्स टैक्स में फायदे के लिए हेल्थ पॉलिसी खरीदने में दिलचस्पी दिखाते हैं। पिछले कुछ सालों में जनरल इंश्योरेंस कंपनियों ने हेल्थ पॉलिसी काफी महंगी कर दी हैं। खासकर कोविड की महामारी के बाद हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम काफी बढ़ गया है। इससे आम आदमी चाहकर भी हेल्थ पॉलिसी नहीं खरीद पा रहा है। उधर, हेल्थ पॉलिसी के पूरे प्रीमियम अमाउंट पर डिडक्शन भी क्लेम नहीं कर पा रहा है।
अभी 60 साल से कम उम्र पर 25000 डिडक्शन
सेक्शन 80डी के तहत 60 साल से कम उम्र के लोगों को हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर मैक्सिम 25,000 रुपये डिडक्शन की इजाजत है। 60 साल या इससे ज्यादा उम्र के टैक्सपैयर्स को हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर मैक्सिमम 50,000 रुपये का डिडक्शन मिलता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए डिडक्शन बढ़ाकर 50,000 रुपये कर देना चाहिए। 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए डिडक्शन बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर देना चाहिए।
डिडक्शन बढ़ाने से लोगों पर टैक्स का बोझ घटेगा
पॉलिसीबाजार डॉट काम के हेल्थ इंश्योरेंस के हेड सिद्धार्थ सिंघल ने कहा कि कोविड की महामारी के बाद लोग हेल्थ इंश्योरेंस के फायदें समझने लगे हैं। इंश्योरेंस कंपनियां भी लोगों की जरूरत को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स लॉन्च कर रही हैं। ऐसे में अगर सरकार हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर डिडक्शन बढ़ा देती है तो इससे न सिर्फ आम लोगों पर टैक्स का बोझ कम हो सकता है बल्कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री की ग्रोथ भी तेज होगी।
सरकार को हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम को जीएसी से छूट देना चाहिए। अभी हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। इससे हेल्थ पॉलिसी महंगी हो जाती है। लंबे समय से हेल्थ पॉलिसी पर जीएसटी घटाने की मांग हो रही है। लेकिन, सरकार ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सरकार 2047 तक सबको हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस कवर के दायरे में लाना चाहती है तो उसे प्रीमियम पर जीएसटी घटाना होगा।
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इन शेयरों को लग सकते हैं पंख
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर डिडक्शन बढ़ाती हैं तो ICICI Lombard General Insurance, Star Health , New India Assurance के शेयरों में उछाल दिख सकता है। ICICI Lombard के शेयर ने बीते एक साल में 33 फीसदी रिटर्न दिया है। New India Assurance के शेयरों का रिटर्न बीते एक साल में निगेटिव रहा है। यह इस दौरान करीब 14 फीसदी गिरा है। स्टार हेल्थ के शेयरों ने भी बीते एक साल में निवेशकों को मायूस किया है। इस दौरान यह 17 फीसदी से ज्यादा गिरा है।