सरकार ने दो चरणों में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। पहले चरण में 1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। दूसरे चरण में 1980 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। इसका मकसद आबादी के बड़े हिस्से को बैंकिंग सेवाओं के दायरे में लाना था। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को बैंकिंग सेवाएं देने में प्राइवेट बैंकों की दिलचस्पी नहीं के बराबर थी। इस वजह से सरकार को बैंकों के राष्ट्रीयकरण का फैसला लेना पड़ा।