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Budget 2025: सरकारी बैंकों में हिस्सा बेचने का आ सकता है प्लान, जानिए अभी किन बैंकों में है सरकार का 90% से ज्यादा हिस्सा

पिछले कुछ सालों में आर्थिक-सामाजिक स्थितियों में आए बदलाव के बाद सरकार यह समझ चुकी है कि पीएसयू बैंकों को प्राइवेट बैंकों से मुकाबला करना होगा। इसके लिए पीएसयू बैंकों का प्राइवेटाइजेशन जरूरी है। लेकिन, सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया काफी सुस्त रही है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 15, 2025 पर 10:16 AM
Budget 2025: सरकारी बैंकों में हिस्सा बेचने का आ सकता है प्लान, जानिए अभी किन बैंकों में है सरकार का 90% से ज्यादा हिस्सा
सरकार ने IDBI Bank के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन, यह अब तक पूरी नहीं हुई है।

सरकार ने दो चरणों में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। पहले चरण में 1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। दूसरे चरण में 1980 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। इसका मकसद आबादी के बड़े हिस्से को बैंकिंग सेवाओं के दायरे में लाना था। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को बैंकिंग सेवाएं देने में प्राइवेट बैंकों की दिलचस्पी नहीं के बराबर थी। इस वजह से सरकार को बैंकों के राष्ट्रीयकरण का फैसला लेना पड़ा।

1 फरवरी को आ सकता है बड़ा प्लान

बदलते समय के मुताबिक, सरकार समझ चुकी है कि सरकारी बैंकों (PSU Banks) को सरकार की छाया से बाहर निकालना जरूरी है। तभी सरकारी बैंक प्राइवेट बैंकों का मुकाबला कर सकेंगे। इस सोच के साथ पिछले कई सालों से सरकार पीएसयू बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाने की कोशिश कर रही है। लेकिन, यह प्रक्रिया सुस्त रही है। सवाल है कि क्या 1 फरवरी को वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman पीएसयू बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी कम करने के लिए किसी बड़े प्रोग्राम का ऐलान करेंगी?

कई बैंकों में सरकार की 50% से ज्यादा हिस्सेदारी

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