यूनियन बजट 2025 में टैक्सपेयर्स के लिए बड़ा ऐलान हो सकता है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सालाना 15 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स घटा सकती हैं। इनकम टैक्स की नई रीजीम में सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर सबसे ज्यादा 30 फीसदी टैक्स का स्लैब लागू होता है। इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। न्यूज एजेंसी रायटर्स ने 26 जुलाई को सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि सरकार 15 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स के लिए राहत का ऐलान यूनियन बजट 2025 में करक सकती है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को यूनिन बजट पेश करेंगी।
इनफ्लेशन से परेशान लोगों को राहत की जरूरत
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सरकार इनफ्लेशन खासकर खानेपीने की चीजों की तेजी से बढ़ती कीमतों से लोगों को राहत देना चाहती है तो सिर्फ इनकम टैक्स घटाने से काम नहीं चलेगा। सरकार को स्टैंडर्ड डिडक्शन (standard deduction) बढ़ाने के भी ऐलान करने पड़ेंगे। दरअसल, 24 दिसंबर को इकोनॉमिस्ट्स के साथ हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने पर व्यापक चर्चा हुई थी। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई है। इकोनॉमिस्ट्स ने सरकार से कहा था कि महंगाई की वजह से लोगों के बीच कंजम्प्शन घटा है, जिसका असर जीडीपी ग्रोथ पर पड़ा है।
सिर्फ नौकरी करने वाले लोगों को मिलता है लाभ
स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ सिर्फ नौकरी करने वाले लोगों को मिलता है। सेल्फ एंप्लॉयड, प्रोफेशनल्स सहित दूसरे सभी लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ नहीं मिलता है। अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में सालाना 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलता है। इनकम टैक्स की नई रीजीम में सालाना 75,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलता है। सरकार ने 23 जुलाई, 2024 को पेश यूनियन बजट में नई रीजीम के टैक्सपेयर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाया था।
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सरकार ने जुलाई में बढ़ाया था स्टैंडर्ड डिडक्शन
एक्सपर्ट्स का कहना है कि महंगाई की मार से नौकरी करने वाले लोग खासा परेशान हैं। जिस दर से महंगाई बढ़ रही है, उस दर से लोगों की इनकम नहीं बढ़ रही है। दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में तो नौकरी करने वाले लोगों की स्थिति और भी खराब है। इसलिए सरकार को यूनियन बजट 2025 में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने का ऐलान करना चाहिए। सरकार को इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये और नई रीजीम में 1 लाख रुपये कर देना चाहिए।