बीते 4 महीनों से स्टॉक मार्केट में गिरावट जारी है। इस बार मार्केट में बजट-पूर्व रैली भी नहीं दिख रही है। बजट आने में सिर्फ 4 दिन बचे हैं। लेकिन, मार्केट में गिरावट का सिलसिला जारी है। 27 जनवरी को बाजार के प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 824 प्वाइंट्स यानी 1.08 फीसदी गिरकर 75,366 पर बंद हुआ। निफ्टी 263 प्वाइंट्स यानी 1.14 फीसदी लुढ़कर कर 22,829 पर क्लोज हुआ। पिछले चार महीनों से जारी गिरावट में कई दिग्गज कंपनियों के स्टॉक्स 37 फीसदी तक टूट चुके हैं।
मार्केट की नजरें यूनियन बजट पर
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब नजरें यूनियन बजट पर टिकी हैं। अगर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को Union Budget में बड़े ऐलान करती हैं तो इससे मार्केट में रिकवरी दिख सकती है। खासकर मार्केट की नजरें कैपिटल एक्सपेंडिचर के टारगेट पर लगी हैं। इसके अलावा नजरें फिस्कल डेफिसिट के टारगेट पर भी होगी। वित्तमंत्री यूनियन बजट में अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च और फिस्कल डेफिसिट के टारगेट का ऐलान करेंगी।
कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ने से होगा फायदा
पिछले साल बजट में सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का टारगेट तय किया था। लेकिन, इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लोकसभा चुनावों की वजह से सरकार के पूंजीगत खर्च में सुस्ती देखने को मिली। अनुमान है कि इस वित्त वर्ष में सरकार का पूंजीगत खर्च टारगेट से कम रह सकता है। उधर, सरकार का फिस्कल डेफिसिट टारगेट के अंदर रहेगा। सरकार ने पिछले साल बजट में फिस्कल डेफिसिट के लिए 4.9 फीसदी का टारगेट तय किया था। अनुमान है कि सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट का 4.5 फीसदी टारगेट तय कर सकती है।
10-15 फीसदी बढ़ सकता है पूंजीगत खर्च
अगर सरकार अगले वित्त वर्ष में अपने खर्च में बड़े इजाफे का ऐलान करती है तो इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ सकती हैं। इसका फायदा कई सेक्टर की कंपनियों को हो सकता है। सरकार के पूंजीगत खर्च में 10-15 फीसदी वृद्धि करने की उम्मीद है। ऐसे में सरकार के पूंजीगत खर्च का टारगेट 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रह सकता है। इसका असर कई सेक्टर की कंपनियों पर पड़ेगा। ऐसे में उन शेयरों में रौनक लौट सकती हैं, जिनकी पिछले चार महीनों में बड़ी पिटाई हुई है।
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ये दिग्गज स्टॉक चार महीनों में 37% तक फिसले
बीते चार महीनों में जिन शेयरों की ज्यादा पिटाई हुई हैं, उनमें REC, Coal India, GE Shipping, Gail और PVR शामिल हैं। REC के शेयरों बीते चार महीनों में 23 फीसदी की गिरावट आई है। यह स्टॉक 27 जनवरी को 3.9 फीसदी गिरकर 428 रुपये पर बंद हुआ। बीते चार महीनों में Coal India का स्टॉक 23 फीसदी लुढ़का है। 27 जनवरी को यह स्टॉक 2.36 फीसदी गिरकर 374 रुपये पर बंद हुआ। GE Shipping के स्टॉक में इस दौरान 24 फीसदी गिरावट आई है। PVR का स्टॉक पिछले साल 1 अक्टूबर को 1,647 रुपये पर था। 27 जनवरी को यह 2.83 फीसदी गिरकर 1,034 रुपये पर बंद हुआ। इस तरह बीते चार महीनों में यह स्टॉक 37 फीसदी गिर चुका है।