Budget 2025 : बजट से हर सेक्टर और इंडस्ट्री की कुछ खास उम्मीदें हैं। एनर्जी सेक्टर की भी बजट काफी उम्मीदें है। सीएनबीसी-आवाज़ के यतिन मोता ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि पावर सेक्टर को इस बजट में रीन्यूएबल सेक्टर को बूस्ट मिलने की उम्मीद है। 2030 तक 500 GW तक रीन्यूएबल एनर्जी क्षमता का लक्ष्य रखा जा सकता है। सोलर एनर्जी वैल्यू चेन के लिए PLI स्कीम भी संभव है। बजट में PM सूर्योदय योजना के रूफटॉप सोलर के लिए ज्यादा आवंटन संभव है। साथ ही ट्रांसमिशन ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार/आधुनिकीकरण पर जोर रह सकता है। इसके आलावा स्मॉर्ट मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटन बढ़ सकता है।
इस बजट में इंपोर्टेड कोल और पावर इक्विप्मेंट पर ड्यूटी में कटौती संभव है। थर्मल पावर सेक्टर को बूस्ट देने के लिए ड्यूटी कटौती भी संभव है। इसके अलावा ऑयल एंड गैस सेक्टर के उम्मीद है कि इस बजट में सरकार पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर ड्यूटी घटा सकती है। इसके साथ ही नए ऑयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन के लिए इंसेंटिव संभव है।
इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट 2025 में भारत में ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ट्रांसमिशन से जुड़े बुनियादी ढांचे,एनर्जी स्टोरेज और घरेलू मैन्यूफैक्टरिंग में निवेश बढ़ाने के ऐलान हो सकते हैं। वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन बिजली बनाने के उद्देशय से,बजट में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए तथा अगले दशक में आवश्यक अनुमानित 1 ट्रिलियन डॉलर के निवेश को आसान बनाने पर फोकस किए जाने की उम्मीद है।
आगामी बजट में सरकार बैटरी स्टोरेज को बढ़ावा देने के मकसद से अहम् घोषणाएं कर सकती है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी ने इससे संबंधित प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में बैटरी स्टोरेज को बढ़ावा देने और इससे संबंधित फाइनेंशियल इंसेंटिव्स की घोषणा करने से संबंधित सिफारिश की है। बजट 2025 में रिन्यूएबल एनर्जी जोन का भी ऐलान किया जा सकता है, जिसमें तमाम तरह के जो RE प्रोजेक्ट (जैसे सोलर, विंड, ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया) एक ही जोन के अंदर ही डेवलप किए जाएंगे। इससे कई तरह के लॉजिस्टिक कॉस्ट बचाने में मदद मिलेगी और कैपेसिटी एडिशन में भी तेजी आएगी।