Budget Income Tax: इस बार बजट में क्या इनकम टैक्स का पुराना सिस्टम खत्म होगा! सिर्फ नए टैक्स प्लान पर फोकस करेगी सरकार?

India Budget 2025: सरकार ने साल 2020 में इनकम टैक्स की नई रीजीम की शुरुआत की थी। पहले इसमें टैक्सपेयर्स ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। लेकिन, अब बड़ी संख्या में इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स नई रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए पुरानी रीजीम खत्म होने की काफी चर्चा है

अपडेटेड Jan 27, 2025 पर 1:15 PM
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अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, सेक्शन 80C और सेक्शन 80D के तहत ओल्ड रीजीम में मिलने वाले डिडक्शन को नई रीजीम में शुरू किया जा सकता है।

Budget Income Tax News: यूनियन बजट को लेकर इस बार इनकम टैक्सपैयर्स को जितनी उम्मीदें हैं, उतनी शायद ही पहले कभी रही हैं। यह चर्चा चल रही है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम खत्म करने का ऐलान कर सकती हैं। वह नई रीजीम में डिडक्शन बढ़ा सकती हैं। इस चर्चा की वजह यह है कि टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी नई रीजीम में बढ़ी है। सरकार के डेटा के मुताबिक, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले करीब 73 फीसदी इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स नई रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं। दरअसल सरकार पिछले कई सालों से हर यूनियन बजट में नई रीजीम के लिए बड़े ऐलान करती आई है।

पिछले साल नई रीजीम के लिए बड़े ऐलान

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 23 जुलाई, 2024 को पेश यूनियन बजट (Union Budget) में दो बड़े ऐलान किए थे। उन्होंने इनकम टैक्स की नई रीजीम में टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी थी। साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी थी। लेकिन, उन्होंने इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम के टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत नहीं थी। यूनियन बजट 2023 में सरकार ने नई रीजीम में भी स्टैंडर्ड डिडक्शन का बेनेफिट देने का ऐलान किया था। सरकार नई रीजीम में एनपीएस में भी डिडक्शन की सुविधा दे रही है। अभी यह सिर्फ नौकरी करने वाले लोगों के लिए है।


दो सेक्शन में डिडक्शन नई रीजीम में भी

कुछ टैक्सपेयर्स का कहना है कि वित्तमंत्री अगर इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम को खत्म करती हैं तो वह नई रीजीम में कुछ डिडक्शन शुरू कर सकती हैं। उदाहरण के लिए सेक्शन 80सी और सेक्शन 80डी के तहत ओल्ड रीजीम में मिलने वाले डिडक्शन को नई रीजीम में शुरू किया जा सकता है। ये दोनों ऐसे रीजीम हैं, जिनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल टैक्सपेयर्स करते आ रहे हैं। इससे टैक्सपेयर्स की टैक्स लायबिलिटी काफी घट जाती है। खासकर मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के बीच ये दोनों डिडक्शन काफी लोकप्रिय रहे हैं।

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पुरानी रीजीम के दो बड़े डिडक्शन

सेक्शन 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में सालाना 1.5 लाख रुपये तक के इनवेस्टमेंट पर डिडक्शन क्लेम करने की इजाजत है। सेक्शन 80सी के तहत करीब एक दर्जन इनवेस्टमेंट ऑप्शंस आते हैं। इनमें PPF, EPF, ELSS, बैंकों की टैक्स-सेविंग्स एफडी स्कीम, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम, सुकन्या समृद्धि आदि शामिल हैं। इसके अलावा दो बच्चों तक की ट्यूशन फीस पर डिडक्शन भी सेक्शन 80सी के तहत मिलता है। उधर, सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर डिडक्शन मिलता है। अभी 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर 25,0000 तक का डिडक्शन मिलता है। 60 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियन पर 50,000 तक डिडक्शन क्लेम करने की इजाजत है।

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First Published: Jan 27, 2025 12:16 PM

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