अगर आप नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में निवेश शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको बजट में खुशखबरी मिल सकती है। सरकार एनपीएस में टैक्स बेनेफिट बढ़ाने जा रही है। बजट-पूर्व चर्चा में टैक्स एक्सपर्ट्स ने सरकार को एनपीएस के नियमों में कुछ बदलाव करने की सलाह दी थी। उनका मानना है कि अगर सरकार ऐसा करती है तो एनपीएस में आम लोगों की दिलचस्पी बढ़ सकती है। सरकार ने एनपीएस की शुरुआत 2004 में की थी। इस रिटायरमेंट स्कीम को 2009 में आम लोगों के लिए ओपन कर दिया गया था।
सरकार ने पिछले साल किया था बड़ा ऐलान
पिछले साल जुलाई में पेश यूनियन बजट (Union Budget) में सरकार ने एनपीएस (National Pension System) को आकर्षक बनाने के लिए बड़ा ऐलान किया था। एंपलॉयी के एनपीएस अकाउंट में एंप्लॉयर को बेसिक पे (प्लस डीए) के 14 फीसदी तक कंट्रिब्यूशन करने की इजाजत दी गई थी। लेकिन, यह बेनेफिट सिर्फ इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए है। दूसरा, यह टैक्स बेनेफिट सिर्फ नौकरी करने वाले लोगों को उपलब्ध है। सरकार यूनियन बजट में इस टैक्स बेनेफिट को एनपीएस के सभी सब्सक्राइबर्स को देने का ऐलान करेगी।
सेक्शन 80CCD(1B) का बेनेफिट नई रीजीम में भी मिलना चाहिए
एक्सिस पेंशन फंड के सीईओ सुमित शुक्ला ने कहा कि इनकम टैक्स की नई रीजीम में सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल के लिए कोई टैक्स-बेनेफिट नहीं है। इसलिए सरकार को सेक्शन 80CCD(1B) के तहत ओल्ड रीजीम में मिलने वाले अतिरिक्त 50,000 रुपये के टैक्स-बेनेफिट को नई रीजीम में भी देने का ऐलान करना चाहिए। इससे इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले लोगों की दिलचस्पी भी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बढ़ेगी। टेक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार सेक्शन 80CCD(1B) के तहत मिलने वाले 50,000 रुपये के डिडक्शन को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर सकती है।
40 फीसदी फंड से एन्युटी खरीद के नियम में बदलाव की जरूरत
अभी व्यक्ति के 60 साल के होने पर एनपीएस में तैयार फंड का 60 फीसदी हिस्सा एकमुश्त मिल जाता है। बाकी 40 फीसदी हिस्से का इस्तेमाल एन्युटी खरीदने के लिए करना पड़ता है। यह अनिवार्य है। इस एन्युटी से सब्सक्राइबर को हर महीने पेंशन मिलती है। पेंशन इनकम टैक्स के दायरे में आती है। सरकार को एन्युटी से मिलने वाली पेंशन को टैक्स के दायरे से बाहर करना चाहिए। इससे NPS में आम लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी। लंबे समय से एनपीएस सब्सक्राइबर्स इसकी मांग कर रहे हैं।
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सब्सक्राइबर्स को फंड के इस्तेमाल के लिए विकल्प मिलना चाहिए
टैक्स एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि एनपीएस फंड के 40 फीसदी हिस्से से एन्युटी खरीदने के नियम में बदलाव करने की जरूरत है। सरकार को एनपीएस सब्सक्राइबर्स को 40 फीसदी फंड का इस्तेमाल अपने हिसाब से करने की आजादी देनी चाहिए। इसकी वजह यह है कि एन्युटी का रिटर्न काफी कम है। यह 5.5 से 6.5 फीसदी के बीच है। यह बैंक फिक्सड डिपॉजिट के इंटरेस्ट रेट से भी कम है। निमित कंसल्टेंसी के चार्टर्ड अकाउंटेंट नितेश बुद्धदेब ने कहा कि निवेशकों को 40 फीसदी पैसे के इस्तेमाल के लिए विकल्प मिलना चाहिए। उन्हें सिस्टमैटिक विड्रॉल या सरकारी बॉन्ड में निवेश की इजाजत दी जा सकती है।