स्टॉक मार्केट्स में बीते 4 महीनों से जारी गिरावट ने निवेशकों को मायूस कर दिया है। इनवेस्टर्स नए निवेश करने से डर रहे हैं। ऐसे में नजरें यूनियन बजट 2025 पर टिकी हैं। इस बारे में मनीकंट्रोल ने जूलियस बेयर इंडिया के एमडी और सीनियर एडवाइजर उनमेश कुलकर्णी से बातचीत की। उनसे यूनियन बजट में संभावित ऐलानों के बारे में भी पूछा। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रोथ बढ़ाने के लिए कुछ रिफॉर्म्स का ऐलान कर सकती है। ग्रामीण इलाकों में कंजम्प्शन बढ़ाने वाले उपायों पर भी सरकार का फोकस हो सकता है।
टैक्स स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं
कुलकर्णी ने कहा, "यूनियन बजट (Union Budget) में इनकम टैक्स स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। इसकी वजह यह है कि सिर्फ 6 महीने पहले पिछले साल यूनियन बजट में सरकार ने टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव किया था।" 23 जुलाई, 2024 को पेश बजट में नई टैक्स रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा था। साथ ही टैक्स स्लैब में भी बदलाव हुआ था। सरकार ने कैपिटल गेंस टैक्स को भी बढ़ा दिया था। सरकार ने इनकम टैक्स की नई रीजीम का आकर्षण बढ़ाने के लिए ऐसा किया था।
2025 में मार्केट का रिटर्न ज्यादा नहीं होगा
स्टॉक मार्केट्स के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि निवेशकों को साल 2025 में स्टॉक मार्केट से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। अर्निंग्स बढ़ने पर ही शेयरों का रिटर्न बढ़ेगा। अभी अर्निंग्स के मुकाबले वैल्यूएशन ज्यादा है। इसके अलावा अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ग्लोबल सेंटिमेंट का सामान्य होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि 2025 के लिए रूरल रिकवरी सबसे बड़ी थीम होगी। इंडियन स्टॉक मार्केट में बड़े करेक्शन के बाद छोटी अवधि में डिफेंसिव स्टॉक्स में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ सकती है।
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रूरल रिकवरी की थीम अट्रैक्टिव
कुलकर्णी ने कहा कि रूरल और वेल्फेयर स्पेंडिंग से जुड़े स्टॉक्स अच्छे लग रहे हैं। इसके अलावा बड़े प्राइवेट बैंक भी ठीक हैं। जहां तक आईटी सेक्टर की बात है तो 2024 में इस सेक्टर का रिटर्न काफी अच्छा रहा है। इस सेक्टर का रिटर्न 22 फीसदी रहा है। अमेरिका में इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ने का फायदा इंडियन आईटी कंपनियों को मिलेगा। आगे अमेरिकी बैंक और रिटेल कंपनियां आईटी पर खर्च बढ़ा सकती हैं। डिजिटल, क्लाउड, जेनरेटिव एआई, साइबर सिक्योरिीट और IOT में इंडियन कंपनियों के लिए बड़ी संभावनाएं दिख रही हैं।